पर्यटकों से गुलजार हुई फूलों की घाटी, पार्क प्रशासन को हुई 3 लाख से ज्यादा की आय
विश्व धरोहर फूलों की घाटी इन दिनों 300 से अधिक प्रजाति कें फूलों से गुलजार है. अभी तक पार्क प्रशासन ने देशी विदेशी पर्यटकों से 3 लाख 27 हजार 75 रुपये की आय कर ली है.
देहरादूनः विश्व धरोहर फूलों की घाटी इन दिनों देशी विदेशी पर्यटकों से गुलजार है. वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बाद भी हर दिन सैकड़ों पर्यटक घाटी का दीदार कर रहे हैं. घाटी इन दिनों 300 से अधिक प्रजाति कें फूलों से गुलजार है. अब तक 2,215 देशी-विदेशी पर्यटक घाटी का दीदार कर प्रकृति की इस बेपनाह सौंदर्य से अभिभूत हो चुके है. जो भी इस घाटी का दीदार कर रहा फूलों की इस रंगीली दुनिया मे खो जा रहा है. जबकि पिछले साल 952 पर्यटक ही घाटी का दीदार किया था.
इस साल अभी तक पार्क प्रशासन को 3 लाख 27 हजार 75 रुपये की आय हो चुकी है. विश्व धरोहर फूलों की घाटी में खिले रंग बिरंगे मन्त्रमुग्ध कर रहे है. जो यहां आता हौ वह हसीन वादियों में खो जाता है. यह दुनिया की इकलौती जगह है जहां प्राकृतिक रूप से 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं और यहां पर दुर्लभतम प्रजाति के वन्यजीव-जंतु, पशु-पक्षी और जड़ी बूटी का दुर्लभतम संसार है.
यहां की जैव विविधता पर्यटकों प्रकृति प्रेमियों और वनस्पति शास्त्रीयों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती रहती है. 87 .5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैले इस घाटी को देखने हर साल हजारों देशी विदेशी पर्यटक आते हैं. इसको नन्दकानन, भ्यूंडारखाल के नाम सहित कई अन्य नामों से जाना जाता है. इसका उल्लेख महाभारत और कालिदास की मेघदूत में भी मिलता है. 2005 में फूलों की घाटी को विश्व प्राकृतिक धरोहर घोषित किया गया और यहां पर दुनिया के विभिन्न देशों में खिलने वाले फूल प्राकृतिक रूप से खिलते है.
विश्व धरोहर फूलों की घाटी पहले विश्व धरोहर नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत था, फिर इसकी 87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल को अलग कर फूलों की घाटी को यूनिस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया, यह ऐसा धरोहर है जहां 500 से अधिक प्रजाति के फूल प्राकृतिक रूप से खिलते हैं, इसके अलावा यहां दुर्लभतम प्रजाति के वन्य जीव जंतु, जड़ी बूटी फूल पाई जाती है, यहां पर जैव विविधता का खजाना है.
वन क्षेत्राधिकारी फ़ूलों की घाटी बृजमोहन भारती का कहना है फुलों की घाटी में अभी 300 से अधिक प्रजाति के फूलों से गुलजार है, अगस्त माह में पूरी घाटी अपने यौवन पर होती है और अबतक 2,215 देशी विदेशी पर्यटक घाटी का दीदार कर चुके है और 3,27,075 रुपये की आय हो चुकी है. खराब मौसम और हाईवे बन्द होने के बाबजूद यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा हुआ है. इस साल कोरोना काल के बाबजूद भारी मात्रा में पर्यटकों का आने का सिलसिला जारी है.
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