सुषमा स्वराज, उमा भारती और सुमित्रा महाजन को मिल सकती हैं नई जिम्मेदारी!
भाजपा जल्द ही सुषमा स्वराज, सुमित्रा महाजन जैसे नेताओं के लिये नई जिम्मेदारी तय कर सकती है। ये सभी मुख्यधारा की राजनीति में पहले की तरह नहीं दिखाई
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आ चुकी है। हालांकि 2014 और 2019 में फर्क साफ नजर आ रहा है। इस बार कुछ दिग्गज चेहरें बदल चुके हैं और नये शामिल हुये हैं। इनमें पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के लिये अन्य विकल्प तैयार किये जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों के हवाले से इन्हें महत्वपूर्ण राज्यों का गवर्नर बनाया जा सकता है। युवाओं को तरजीह देते हुये महाजन का टिकट 75 साल उम्र पार होने की वजह से काट दिया गया था, तब उन्होंने खुद ही चुनाव नहीं लड़ने का एलान कर दिया था। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज ने खुद ही स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी। पार्टी के बड़े नेताओं की मानें तो जल्द ही उमा भारती सहित ऐसे दिग्गज नेताओं को कहीं न कहीं समायोजित किया जा सकता है।
ताकतवर महिलायें मुख्यधारा में नहीं आएंगी नजर
हिंदी के एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में निर्वाचित हुईं तीन महिला सांसद मुख्य धारा की राजनीति में नहीं दिखाई देंगी। इनमें से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन मध्य प्रदेश से सांसद रही हैं और तीसरी पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती उत्तर प्रदेश से सांसद थीं। खास बात यह कि इन तीनों भाजपा नेताओं ने लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। राज्य से लेकर राष्ट्रीय राजनीति में मध्य प्रदेश के विदिशा संसदीय सीट से पूर्व सांसद सुषमा स्वराज, इंदौर की पूर्व सांसद सुमित्र महाजन और राज्य के टीकमगढ़ जिले में जन्मीं व पूर्व मुख्यमंत्री व उत्तर प्रदेश के झांसी से पूर्व सांसद केंद्रीय मंत्री उमा भारती की खास पहचान है।
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से सुमित्र महाजन, सुषमा स्वराज और उमा भारती के पुनर्वास की वजह इनका राजनीतिक कद है। पार्टी में उस दौर में भी तीनों ने जीत हासिल की है, जब बहुत कम नेता भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत पाते थे। महाजन 1989 से इंदौर से लगातार 2014 तक सांसद चुनी गईं। अटल सरकार में मंत्री भी रहीं। सुषमा स्वराज भी 2009 में लोकसभा में विपक्ष की नेता रह चुकी हैं। केंद्रीय मंत्री रहीं हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं। उमा भारती की अगुवाई में भाजपा ने 2003 में मध्य प्रदेश में धमाकेदार वापसी की थी। पार्टी में इन सभी दिग्गज नेताओं पर मंथन चल रहा है और जल्द ही इन्हें नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं।