मंगलवार को दशहरा है, जैसा कि आप सभी को मालूम ही है कि इस दिन रावण का वध हुआ था। इसीलिए रावण का पुतला बनाकर जलाते हैं। लेकिन सब के अंदर भी किसी न किसी रूप में अहंकार विद्यमान रहता है। अहंकार भीतर के गुणों को संस्कारों को खाते चले जाते हैं। सुर और असुर दोनों ही हम लोगों के भीतर हैं। सुर के रूप में मर्यादा पुरुषोत्तम राम आर असुर के रूप में रावण। मर्यादा भंग होने वाली स्थितियों में ही जब मर्यादा बनाकर चलेंगे तभी तो मर्यादित कहला सकते हैं।


दशहरे पर शुभ फल प्राप्ति के उपाय
- दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने चाहिए।
- इसके अलावा मछली के दर्शन करने का भी प्रावधान है।
- जिन लोगों को करियर में उन्नति नहीं मिल रही है। प्रमोशन को लेकर काफी परेशान हैं। उनके लिए राम नवमी और विजयदशमी का 2 दिन बहुत महत्वपूर्ण है। एक लाल रंग का झंडा बनवाएं।
- अगर मन उदास रहता है और डिप्रेशन जैसी स्थिति हो या अज्ञात भय सा रहता लगता है, तो दशहरे से लेकर शरद पूर्णिमा तक प्रतिदिन चंद्र देव के दर्शन करने चाहिए।
- दशहरे के दिन शीशम के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से विजय मिलती है।
- इस दिन श्री हनुमान जी को प्रात: में गुड़ चना चढ़ाएं। इससे बाधाओं पर विजय पाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
- विजय दशमी के दिन दान करने की भी परंपरा है। इस दिन दान करने से दरिद्रता का नाश होता है और लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त होती है।