वाराणसी, एबीपी गंगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मतदान के लिए पहली बार आधुनिकतम एम-3 ईवीएम प्रयोग में लाई जाएगी। इसकी खासियत यह है कि एक ईवीएम में एक साथ 24 बैलेट यूनिट के जरिए 384 उम्‍मीदवारों के नाम के साथ नोटा भी जोड़ा जा सकेगा। छेड़छाड़ होने पर यह ईवीएम काम करना बंद कर देती है।


खास है ये मशीन


थर्ड जनरेशन की ईवीएम होने की वजह से ही इसका नाम एम-3 ईवीएम रखा गया है। इसकी विशेषता यह है कि इसकी चिप को सिर्फ एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है। चिप के सॉफ्टवेयर कोड को पढ़ा नहीं जा सकता है।


...तो बंद हो जाएगी मशीन


एम-3 ईवीएम के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है। यदि कोई ईवीएम से छेड़छाड़ करेगा तो ये मशीन बंद हो जाएगी। मशीन रियल टाइम क्लॉक और डायनेमिक कोडिंग जैसी विशेषताओं से लैस है। एम-3 ईवीएम मशीन को भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड बेंगलुरु और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया हैदराबाद में तैयार किया गया है।


गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी को टक्कर देने के लिए चुनाव मैदान में कई प्रत्याशी उतर आए हैं। प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ तमिलनाडु के किसान नेता पी अय्याकन्‍नू ने वाराणसी से 111 किसानों को चुनाव लड़ाने का एलान किया है। बीएसएफ से बर्खास्‍त तेज बहादुर, रिटायर्ड जस्टिस सीएस कर्णन और भीम आर्मी के चंद्रशेखर ने भी वाराणसी के चुनावी रण में उतरने की घोषणा कर दी है।


384 उम्मीदवारों के लिए डाले जा सकेंगे वोट


2014 के लोकसभा चुनाव में प्रयोग की गई ईवीएम में अधिकतम चार बैलेट यूनिट ही जोड़ी जा सकती थी। प्रत्‍याशियों की संख्‍या 64 से ज्‍यादा होने पर चुनाव आयोग के पास बैलेट पेपर से मतदान कराने का विकल्‍प होता। अब बीईएल की ओर से तैयार की गई एम-3 ईवीएम में एक साथ 24 यूनिट को जोड़ा जा सकता है। ऐसे में 384 उम्‍मीदवार होने की स्थिति में भी बैलेट पेपर की की बजाए ईवीएम से ही चुनाव हो सकेगा।


पूरी है तैयारी


एडीएम सिटी विनय कुमार ने वाराणसी ईवीएम एम-3 का प्रयोग किए जाने की पुष्टि की है। एडीएम ने बताया कि फिलहाल वाराणसी में 4756 बैलेट यूनिट, 3578 कंट्रोल यूनिट और 3518 वीवीपैट हैं। आवश्‍यकता पड़ने पर और बैलेट यूनिट मंगाई जाएंगी। आधुनिकतम एम-3 ईवीएम छेड़छाड़ होने पर काम करना बंद कर देती है। कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट को मैच न कराने पर भी यह काम नहीं करेगी।