Bollywood इंडस्ट्री में सईद जाफरी ने अपनी अद्भुत अदायगी से दर्शकों को दिलों में खास जगह बनाई थी। वो भले ही इस दुनिया में हमारे साथ नहीं है, लेकिन उनकी अदायगी के लिए आज भी उनको याद किया जाता है।



हिंदी सिनेमा में यूं तो बहुत सारे ऐसे कलाकार होंगे जिन्होंने तरह से लोगों के दिल में जगह बनाई। मगर कुछ कलाकार ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी डायलॉग डिलीवरी के दम पर एक ख़ास मुकाम हासिल किया। ऐसा ही एक नाम है सईद जाफरी का।



"गांधी" (1982), "शतरंग के खिलाड़ी" (1977), "हिना" (1991) और "राम तेरी गंगा मैली" (1985) जैसी फिल्मों में अपने दमदार एक्टिंग को पेश करने वाले सईद जाफरी का आज जन्मदिन है। पंजाब के मालेरकोटला में जन्मे भारतीय मूल के ब्रिटिश अभिनेता सईद जाफरी भले ही अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनके निभाए किरदार सदा जिंदा रहेंगे।



सईद जाफरी का जन्म 8 जनवरी 1929 को पंजाब के मालरकोटला में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई अलीगढ़ में हुई। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी पढ़े। सेंट जॉर्ज कॉलेज मैसूर से उच्च शिक्षा प्राप्त की। शिक्षा प्राप्त करने के बाद सईद जाफरी ने दिल्ली में "यूनिटी थिएटर" नाम की थियेटर कंपनी खोली और कई नाटकों का सफल मंचन किया। दिल्ली में ही उन्होंने कई साल ऑल इंडिया रेडियो में भी काम किया। यहीं से शुरुआत हुई उनके फिल्मी कॅरियर की।



उन्होंने कई हिंदी और हॉलीवुड की फिल्मों में काम किया। भले ही किसी फिल्म में उनका छोटा रोल रहा हो या फिर उन्हें कम स्क्रीन मिली हों, सईद अपनी मौजूदगी से फिल्म में वजन डाल देते थे। वही उनकी पर्सनल लाइफ भी कुछ अच्छी नहीं चल रही थी।



सईद जाफरी ने एक इंटरव्यू के दौरान खुद क़बूला था की वो अपनी शादीशुदा लाइफ से खुश नही हैं और इस असफलता के दोषी वो खुद है। सईद ने बताया कि उनकी पत्नी महरुनिमा उर्फ़ मधुर जाफरी के साथ उन्होंने नाइंसाफी की। वो अपनी पत्नी को कभी भी वो आज़ादी नहीं दे सके जिसकी वो हकदार थीं। सईद ने बताया कि वो चाहते थे कि उनकी बीवी थोड़ा मॉडर्न बने मगर ऐसा ना पाकर उन्होंने अपनी वाइफ से किनारा करना शुरू कर दिया। कई साल बाद उन्हें पता चला कि उनकी वाइफ एक बड़ी शेफ बन गई हैं।