गोरखपुर: कोरोना माहामारी के बीच जहां पढ़ाई-लिखाई से लेकर सब कुछ ठप पड़ा है. छात्र न कॉलेज जा सकते हैं और न कक्षाओं में बैठ सकते हैं. ऐसे में मोबाइल से ऑनलाइन क्सालेज ने एक बड़े विकल्‍प के रूप में शिक्षकों से लेकर छात्र-छात्राओं की मुश्किलों को आसान कर दिया है. इस बीच गोरक्षपीठ के एक कॉलेज ने इंटरनेशनल सेमिनार कराकर इतिहास रच दिया है. इस सेमिनार में गेस्‍ट से लेकर स्‍टूडेंट तक सब कुछ ऑनलाइन रहा.


गोरक्षपीठ की शैक्षणिक संस्‍थान महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की ओर से संचालित महाराणा प्रताप स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय जंगल धूसड़ ने ये अभिनव प्रयोग किया है. इस अंतरराष्‍ट्रीय सेमिनार में जहां भारत के परिप्रेक्ष्‍य में पड़ोसी मुल्‍कों के संबंधों पर चर्चा हुई तो वहीं भारत के अलावा नेपाल, भूटान और पाकिस्‍तान समेत अन्‍य पड़ोसी मुल्‍कों के एक-एक अतिथि को भी ऑनलाइन सेमिनार में आमंत्रित किया गया.


महाराणा प्रताप स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय जंगल धूसड़ के प्राचार्य डा. प्रदीप राव ने बताया कि दो दिवसीय आनलाइन संगोष्‍ठी का 29 अगस्‍त को सुबह 9.30 बजे शुरू हुआ.  9.30 से 10.30 बजे तक उद्घाटन समारोह का आयोजन हुआ. प्राचार्य डा. प्रदीप राव ने 9.30 बजे से 9.40 बजे तक स्‍वागत उद्बोधन दिया. कार्यक्रम की प्रस्‍तावना पर काशी हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय के सीएसएसईआईपी के समन्वयक और राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. तेज प्रताप सिंह ने प्रकाश डाला.


इसके बाद महाराष्‍ट्र के राष्‍ट्रीय सुरक्षा और रक्षा विश्‍लेषण केंद्र के पूर्व निदेशक यशवंत चव्‍हाण ने बीज वक्‍तव्‍य दिया. प्रथम तकनीकी सत्र में पाकिस्‍तान के कराची विश्‍वविद्यालय की विषय विशेषज्ञ प्रो. नौशीन वाही ने भारत-पाकिस्‍तान संबंधः चुनौतियां एवं समाधान के विविध आयाम विषय पर प्रकाश डाला.इसके बाद मुंबई विश्‍वविद्यालय के प्रो. लियाकत खान ने अपनी बात रखी.


अध्‍यक्षीय वक्‍तव्‍य में नई दिल्‍ली के मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्‍ययन विश्‍लेषण संस्‍थान के सीनियर फेलो ने अपने विषय पर विशेष जानकारी दी. उन्‍होंने कहा कि हम कश्‍मीर पर बात नहीं करेंगे. हम बात करेंगे, तो पाक अधिकृत कश्‍मीर पर बात करेंगे. द्वितीय तकनीकी सत्र नेपाल संबंधः वर्तमान परिप्रेक्ष्‍य विषय पर व्‍याख्‍यान होगा. इसमें नेपाल के संसद सदस्‍य और विषय विशेषज्ञ डा. अमरेश सिंह और जेएनयू की प्रो. संगीता थपलियाल अपने विचार रखेंगी. अध्‍यक्षीय वक्‍तव्‍य मंजीव सिंह पुरी जो नेपाल, बेल्जियम, लेग्‍जम्‍बर्ग, यूरोपियन य‍ूनियन में भारत के पूर्व राजदूत रह चुके हैं. उनके द्वारा शाम 3 बजे से 4 बजे तक रखा जाएगा. 30 अगस्‍त को भारत-बाग्‍लादेश और भारत-चीन संबंधों पर विशेषज्ञ अपनी राय रखेंगे. उसके बाद कार्यक्रम का समापन भी आनलाइन ही होगा.


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