लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब झूठ फरेब और लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना जुर्म होगा और ऐसे लोगों को सलाखों के पीछे जाना होगा. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लव जिहाद को जुर्म बनाने वाली देश की पहली सरकार बन गई है. उत्तर प्रदेश में धोखे से, बिना मर्जी के धर्म परिवर्तन कराना अपराध होगा.
बीते कुछ महीनों से लव जिहाद की सामने आ रही घटनाओं को देखकर उत्तर प्रदेश सरकार लगातार ऐसे आरोपियों के खिलाफ सख्ती बरत रही थी. कानून के अन्य प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही थी. लेकिन अब किसी नीता से कोई करीम अगर कमल बनकर प्रेम जाल में फसाएंगा, शादी करेगा तो उसके लिए उत्तर प्रदेश की जेल ही आखिरी ठिकाना होगा.
झूठ बोलकर, छल-प्रपंच करके धर्म परिवर्तन करने-कराने वालों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाएगा. महज शादी के लिए अगर लड़की का धर्म बदला गया तो न केवल ऐसी शादी अमान्य घोषित कर दी जाएगी बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को दस साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है.
'लव-जिहाद' को लेकर जारी देशव्यापी बहस के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंगलवार को विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 पास कर दिया. इस नए कानून के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बलपूर्वक, झूठ बोलकर, लालच देकर या अन्य किसी कपटपूर्ण तरीके से अथवा विवाह के लिए धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध होगा.
नए कानून के तहत धर्म परिवर्तन कर शादी के लिए दोनो पक्षों को जिले के dm के सामने अनुमति लेनी होगी. शादी करने से 2 महीने पहले डीएम के उद्घोषणा करनी होगी कि यह धर्म परिवर्तन पूरी तरह स्वेच्छा से है. संबंधित लोगों को यह बताना होगा कि उन पर कहीं भी, किसी भी तरह का कोई प्रलोभन या दबाव नहीं है.
सरकार के इस कानून के लागू होने के बाद अब उत्तर प्रदेश में किसी एक धर्म से अन्य धर्म में लड़की के धर्म में परिवर्तन से एक मात्र प्रयोजन के लिए किए गए विवाह पर ऐसा विवाह शून्य की श्रेणी लाया जा सकेगा. दबाव डालकर या झूठ बोलकर अथवा किसी अन्य कपट पूर्ण ढंग से अगर धर्म परिवर्तन कराया गया तो यह एक संगीन अपराध होगा और दोषी को कम से कम 01 साल और अधिकतम 05 साल की सजा भुगतनी होगी, साथ ही न्यूनतम 15,000 रुपए का जुर्माना भी भरना होगा.
अगर मामला नाबालिग किशोरी, अनूसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के सम्बन्ध में हुआ तो दोषी को 03 साल से 10 साल तक कारावास की सजा और न्यूनतम 25,000 रुपये जुर्माना अदा करना पड़ेगा.
*धर्म बदलना है तो दो माह पहले डीएम को दें जानकारी*
मंगलवार को कैबिनेट से पास इस महत्वपूर्ण अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के सभी पहलुओं पर प्राविधान तय किए गए हैं. अध्यादेश के प्राविधानों के अनुसार धर्म परिवर्तन का इच्छुक होने पर संबंधित पक्षों को तय प्रारूप पर जिला मजिस्ट्रेट को 02 माह पहले सूचना देनी होगी. इसका उल्लंघन करने पर 06 माह से 03 साल तक की सजा हो सकती है, जबकि इस अपराध में न्यूनतम जुर्माना 10,000 रुपये तय किया गया है.
*सामूहिक धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर भी लगाम*
योगी सरकार ने सामूहिक धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर लगाम लगाने के भी पुख्ता इंतजाम किए हैं. नए कानून के मुताबिक सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में 03 से 10 साल तक जेल हो सकती है और कम से कम 50,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा.
अब तक लव जिहाद के मामलों में आईपीसी की तमाम अन्य धाराओं में अपहरण, बलात्कार, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने जैसी मामलों में कार्रवाई होती थी. लेकिन अब सरकार ने लव जिहाद के मामले के लिए अलग से कानून बना दिया है. तय कर दिया है कि किस अपराध के लिए कितनी सजा मुकर्रर है.
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