देहरादून: उत्तराखंड में साइबर अपराध तेजी के साथ अपने पांव पसार रहा है, लेकिन अगर आप जागरूक हैं तो आप साइबर ठगी से बच सकते हैं. इतना ही नहीं आपके साथ ठगी होती भी है तो उसकी सूचना देने पर भी आपके पैसों के ट्रांजेक्शन को रोका जा सकता है. बस इसके लिए आपको साइबर ठगी होने पर तुरंत हेल्पलाइन नम्बर 155-260 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करानी है.
कैसे करती है 155-260 हेल्पलाइन काम
गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन धोखाधड़ी के विरुद्ध CFCFRMS (Citizen Financial Cyber Fraud Reporting and Management System) आरम्भ किया गया है. आपको धोखाधड़ी की सूचना तत्काल 155-260 नम्बर पर देनी होगी जिसके बाद ई-सुरक्षा चक्र कन्ट्रोल रुम द्वारा तत्काल इस सूचना को गृह मन्त्रालय के NCRP पोर्टल पर दर्ज कर दिया जाता है. सूचना मिलने के बाद गृह मन्त्रालय से पीड़ित को एक लिंक SMS के माध्यम से भेजा जायेगा. पीड़ित व्यक्ति को इस लिंक पर क्लिक कर अपनी शिकायत 24 घण्टे के अन्दर NCRP पोर्टल पर पंजीकृत करना आवश्यक है. जिससे की साइबर अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी से निकासी की गयी धनराशि को रोका जा सके व उन्हें वापस कराया जा सके. शिकायत दर्ज होने पर बैंक के लेनदेन को होल्ड कर दिया जाता है. इस पोर्टल पर देश के सभी बैंक जुड़े हुए हैं. ऐसे में सूचना मिलते ही संबंधित बैंक ट्रांजेक्शन को होल्ड कर देते हैं.
उत्तराखंड में साइबर पीड़ितों के लिए हेल्पलाइन बड़ी राहत
वित्तीय साइबर ठगी जैसे मामलों में पीड़ितों को जल्द राहत मिलने के उद्देश्य से उत्तराखंड में भी हेल्पलाइन नंबर 155-260 की 17 जून से विधिवत तरीके से शुरुआत की जा चुकी है. अभी तक इस नम्बर पर चार सौ से अधिक फोन कॉल आ चुकी हैं. वहीं पोर्टल के माध्यम से 6 लाख से अधिक रुपये बैंकों में होल्ड कराये गये हैं.
एबीपी गंगा भी समय-समय पर आपको साइबर अपराधों से बचने के लिए जागरूक करता रहता है।. लक्की ड्रा, डिस्काउंट और लॉटरी जैसे प्रलोभन में न आयें. अपनी व्यक्तिगत जानकारी और महत्वपूर्ण डाटा शेयर करने से हमेशा बचें और सबसे महत्वपूर्ण किसी भी तरह की साइबर अपराध की सूचना अति शीघ्र ई-सुरक्षा साइबर हेल्पलाइन 155-260 पर दर्ज कराने में देर न करें.
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