Kashipur Stone Crusher Owner Murder Case: कड़ी मशक्क्त के बाद काशीपुर में स्टोन क्रशर मालिक की हत्या का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया. कनाडा में बैठे मृतक के पार्टनर ने कारोबारी रंजिश में अंतरार्ष्ट्रीय गिरोह की मदद से हत्या को अंजाम दिया. पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. हत्या को अंजाम देने वाले शार्प शूटर की तलाश में उत्तराखंड पुलिस पंजाब तक पहुंच गई है. आज काशीपुर कोतवाली में पहुंचे आईजी नीलेश आनंद भरणे और एसएसपी टीसी मंजूनाथ ने बताया कि ग्राम जुड़का नंबर एक निवासी स्टोन क्रशर मालिक महल सिंह की हत्या के बाद पुलिस टीमें हत्यारों की सुराग में लग गई थीं.
काशीपुर में स्टोन क्रशर मालिक की हत्या का खुलासा
वारदात की गंभीरता को देखते हुए घटनास्थल के सभी मार्गों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को देखा गया. सीसीटीवी फुटेज में अभियुक्तों के साफ चेहरे आने पर शूटर के इंटरनेशल होने का संदेह जताया गया. लोगों से पूछताछ में जानकारी मिली कि घटना में शामिल पन्नू आज एकता स्टोर कशर की तरफ बंजारी गेट के पास जंगल में छिपकर भागने की जुगत कर रहा है. सूचना पाकर पुलिस टीम रात करीब ढाई बजे मौके पर पहुंची और अभियुक्त को रुकने का इशारा किया.
अभियुक्त ने पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नियत से फायर कर दिया. पुलिस ने घेराबंदी कर 27 वर्षीय अभियुक्त प्रभजोत सिंह पन्नू पुत्र हरजाब सिंह निवासी ग्राम गुलजारपुर कुण्डेश्वरी थाना काशीपुर जिला उधमसिंह नगर को पकड़ लिया. पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वर्ष 2015 से 2020 तक स्टोन क्रशर पर बतौर मुंशी कार्य करता था. स्टोन क्रशर में महल सिंह, सुखवन्त सिंह, उसका भाई हरजीत उर्फ काले और जगप्रीत सिंह पार्टनर थे.
पिछले लगभग दो वर्षों से हरजीत काले, महल सिंह और सुखवंत सिंह के बीच आपस में पार्टनरशिप का विवाद रहने लगा. हरजीत सिंह उर्फ काले उक्त स्टोन क्रशर में जबरदस्ती अपना हिस्सा चाहता था. महल सिंह उसके दबाव में नहीं आ रहा था. इससे हरजीत उर्फ काले महल सिंह से दुश्मनी रखने लगा. अभियुक्त हरजीत उर्फ काले और प्रभजोत उर्फ पन्नू खुद भी स्टोन क्रशर बनाना चाहते थे. मृतक महल सिंह अडंगा डाल रहा था. अभियुक्त हरजीत सिंह उर्फ काले और उसके भाई सुखवंत सिंह के बीच पंचायत से एक बार विवाद सुलझाया गया, लेकिन काले संतुष्ट नहीं था.
इस वजह से हरजीत सिंह, महल सिंह से और अधिक दुश्मनी रखने लगा. प्रभजोत ने महल सिंह की हत्या करने के लिए हरजीत की बतायी योजना अनुसार काम किया. हरजीत सिंह ने कारतूस और हथियार दिये और शूटरों की व्यवस्था रखने को कहा. 12 अक्टूबर को प्रभजोत सिंह को सिगनल ऐप के माध्यम से शूटरों के लिये बाइक की व्यवस्था करने के लिए बताया गया. साथ ही इस काम में महिला रजविन्दर कौर और सेवी से संपर्क में रहने के लिये बताया.
सेवी और रजविन्दर कौर भी आर्थिक फायदा देख योजना में शामिल हो गये. 12 अक्टूबर को सिगनल ऐप के माध्यम से हरजीत उर्फ काले ने अपने गैंगस्टर साथी के साथ मोबाइल से बात कराई और बताया कि रात्रि 09:00 बजे तक शूटर काशीपुर पहुंच जायेगे. इस दौरान वह लगातार हरजीत सिंह उर्फ काले तथा कनाडा में बैठे दूसरे गैंगस्टर साथी के सम्पर्क में था. योजना के मुताबिक 09 बजे रात्रि दोनों शूटरों को रेलवे स्टेशन काशीपुर से चीमा चौराहे होते हुए हरजीत सिंह उर्फ काले के घर ले गया. जहां रजविन्दर कौर और सेवी ने दोनों शूटरों के खाने-पीने की व्यवस्था की और प्रभजोत ने एक बाइक खरीद कर दोनों शूटरों को देने के लिये सुखदेव सिंह उर्फ सेवी के सुपुर्द की.
अगले दिन 13 अक्टूबर को योजना के अनुसार दोनों शूटरों के साथ सुबह चार बजे उठकर प्रभजोत अपने दोस्तों के साथ केदारनाथ निकल गया. उससे पहले जंगल के रास्ते शूटरों को महल सिंह के घर पर ले जाकर पूरे रास्तों की रेकी करवाई. रेकी करने के बाद शूटरों ने हत्या कर दी. डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि हरजीत सिंह उर्फ काले के संबंध में कारोबार और अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठा की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि हरजीत सिंह उर्फ काले का कोई साथी आर्थिक कार्यों को स्थानीय स्तर पर देखता है. इस घटना में उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है.
पुलिस टीम अज्ञात शूटरों और अभियुक्त हरजीत सिंह उर्फ काले की योजना में शामिल प्रभजोत सिंह पन्नू उर्फ प्रभजीत सिंह, 46 वर्षीय रजविन्दर कौर पत्नी तरसेम सिंह निवासी ग्राम गुलजार पुर कुण्डेश्वरी थाना काशीपुर जिला उधमसिंह नगर, 55 वर्षीय सुखदेव सिंह उर्फ सेवी पुत्र प्रीतम सिंह निवासी ग्राम गुलजार पुर कुण्डेश्वरी थाना काशीपुर जिला उधमसिंह नगर को गिरफ्तार किया गया. हत्याकांड में हरजीत सिंह उर्फ काले पुत्र गुरनाम सिंह, तनवीर सिंह पुत्र हरजीत सिंह और दो अज्ञात शूटर फरार चल रहे हैं.
काशीपुर के ग्राम जुड़का नंबर एक निवासी स्टोन क्रेशर मालिक महल सिंह की हत्या 13 सितंबर को सुबह करीब साढ़े आठ बजे हुई थी. उस समय महल घर में बैठे अखबार पढ़ रहे थे. इसी दौरान बाइक सवार दो लोग पहुंचे और महल सिंह को गोली मारकर फरार हो गए. तब भी बात सामने आई थी कि महल सिंह को कनाडा से धमकी भरे फोन कॉल आए थे. बताया जा रहा है कि महल सिंह का स्टोन क्रशर की पार्टनरशिप को लेकर पुराने पार्टनर से विवाद चल रहा है. इसी विवाद में महल सिंह की हत्या की गई. आईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि पंजाब के चर्चित सिद्दू मुसेवाला हत्याकांड की तर्ज पर उत्तराखंड में भी हत्या हुई.
हत्या करने आये शूटर कौन थे और कहां रहते थे. इसकी जानकारी गिरफ्तार किए गये अभियुक्तों तक को नहीं थी. गिरफ्तार अभियुक्तों से पिस्टल 30 कैलीवर नाजायज, कारतूस 08 जिन्दा 30 कैलीवर, कारतूस 02 खोखा 30 कैलीवर बरामद हुए हैं. एसएसपी उधम सिंह नगर टीसी मंजूनाथ ने कहा कि कनाडा से हत्या को अंजाम देने वाले हरजीत उर्फ काले को भारत लाने की कार्रवाई की जायेगी. साथ ही पकडे गए अभियुक्तों की अवैध संपत्ति को जब्त और नष्ट करने के साथ ही गैंगस्टर की कार्यवाही की जायेगी. उन्होंने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों के पास से 30 एमएम का पिस्टल उत्तराखंड में पहली बार किसी अपराध कोअंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया गया है.
हत्याकांड के षड्यंत्र में शामिल अभियुक्तों को पकड़ने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक मनोज रतूड़ी, एसएसआई प्रदीप मिश्रा, उपनिरीक्षक अशोक काण्डपाल, धीरेन्द्र सिंह परिहार, सुरेन्द्र सिंह, नवीन बुधानी, दीपक जोशी, प्रदीप पंत, संतोष देवनी ,मनोज जोशी कांस्टेबल मुकेश कुमार, कुलदीप कुमार, गजेन्द्र गिरी, दीवान गिरी, त्रिभुवन सिंह, प्रेम कनवाल, सुरेन्द्र सिंह तथा महिला कांस्टेबल रिचा तिवारी के अलावा एसओजी रुद्रपुर / काशीपुर निरीक्षक विजेन्द्र शाह, उपनिरीक्षक विकास चौधरी, ललित बिष्ट, कांस्टेबल कैलाश तोमक्याल, विनय यादव, प्रदीप कुमार, कुलदीप सिंह, दीवान बोरा, दीपक कठैत, राजेश भटट, भूपेन्द्र सिंह व निरीक्षक नरेश चौहान, विक्रम राठौर, एसओ रविन्द्र सिंह बिष्ट, एसओ कमलेश भट्ट, उपनिरीक्षक दीपक कौशिक, अर्जुन गिरी शामिल हैं.