नई दिल्ली: उत्तराखंड के जोशीमठ के धौली गंगा घाटी में एक ग्लेशियर अचानक टूट गया. इसके बाद ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना पर काम करने वाले कई मजदूरों के लापता होने की आशंका है. वहीं फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए आईटीबीपी और एसडीआरएफ के जवानों को प्रभावित इलाकों में भेजा गया है. आईटीबीपी ने कहा है कि चमोली के तपोवन इलाके में एनटीपीसी साइट से तीन शव बरामद हुए हैं. वहीं अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है.
उत्तराखंड को एक बार फिर से प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा है. यहां ग्लेशियर के टूटने के बाद कई नदियों में बाढ़ आ गई है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थिति का जायजा लिया. साथ ही बचाव और राहत कार्यों की निगरानी के लिए एक आपात बैठक बुलाई है. इस दौरान आईटीबीपी ने चमोली के तपोवन इलाके में एनटीपीसी साइट से तीन लोगों की मौत की पुष्टि की है और उनके शव भी बरामद किए हैं. वहीं अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. साथ ही 100 से 150 लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है.
वहीं इस प्राकृतिक आपदा के बाद उत्तराखंड के चमोली के तपोवन क्षेत्र के रेनी गांव में सेना की चार टुकड़ी, दो मेडिकल टीम और एक इंजीनियरिंग टास्क फोर्स की तैनाती की गई है. सेना के हेलिकॉप्टर हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं. वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में सेना और आईटीबीपी के जवानों के जरिए बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई.
अलर्ट पर ऋषिकेश-हरिद्वार
बता दें कि तपोवन पावर प्रोजेक्ट का डैम टूट गया है, जिसमें मजदूरों के बह जाने की आशंका जताई जा रही है. ऋषिकेश और हरिद्वार में भले ही आपदा का असर महसूस न किया गया हो, लेकिन इन शहरों को अलर्ट पर रखा गया है. सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा है कि जिस जगह पर ग्लेशियर टूटा है, वहां इंसानों की बस्तियां तो बहुत ज्यादा नहीं थीं, लेकिन कई बिजली परियोजनाएं इससे प्रभावित हुई हैं. वहीं सरकार ने क्षेत्र के लोगों से गंगा नदी के पास न जाने की अपील की है.
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