Kushinagar News: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में एक गरीब मजदूर के परिवार ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. दरअसल कुशीनगर जिले के नगर पंचायत तमकुहीराज कस्बा के निवासी चंद्रिका के बच्चे स्वस्थ्य पैदा होने के बावजूद एक समय बाद अंधे हो जा रहे हैं. जिसके बारे में जान खुद डॉक्टर भी हैरान हो गए हैं. जिसे भी चंद्रिका के बच्चों के बारे में पता चल रहा है, उसका दिल पसीज जा रहा है.


जानकारी के अनुसार चंद्रिका के बच्चों की उम्र 5 साल तक पहुंचते-पहुंचते आंखों की रोशनी चली जा रही है. जिसने सभी को हैरान कर दिया है. वर्तमान में स्थिति यह है कि चंद्रिका की बेटी और दोनों बेटों के आंखों की रोशनी खत्म हो गई है. अब इनके लिए शहर की जगमगाती रोशनी का कोई मतलब नहीं रह गया है. वहीं डॉक्टर इन बच्चों को एक विशेषज्ञ चिकित्सक से दिखाने का सुझाव दे रहे हैं, लेकिन बोरा पीठ पर ढोकर अपना परिवार चलाने वाले इस गरीब मजदूर के पास इतने रुपये नहीं हैं.


5 साल की उम्र में अंधे हो रहे बच्चे


चंद्रिका के अनुसार पहले बच्चे के रूप में जब राजन का जन्म हुआ तो वह और उसकी पत्नी खुशी से झूम उठे. राजन के बाद चंद्रिका की पत्नी ने दो और सन्तानों बेटी गीता और बेटे मुकेश को जन्म दिया. चंद्रिका और उनकी पत्नी दो बेटों और एक बेटी को पाकर बेहद खुश थे. कुदरत के कहर से अंजान चंद्रिका कड़ी मेहनत कर परिवार चला रहा था. तभी 4 साल गुज़र जाने के बाद बड़े लड़के राजन को कम दिखाई देने ने लगा और 5 साल पूरे होते ही राजन पूरी तरह से अंधा हो गया.


संक्रमण या आनुवंशिक वजह हो सकती है कारण


इसके बाद यह सिलसिला यह नहीं रुका और चंद्रिका की बेटी गीता और बेटे मुकेश के साथ भी यहीं हुआ. जैसे ही पांच साल पूरे हुए, दोनों ही अंधे हो गए. चंद्रिका के मुताबिक उसने शहर के चिकित्सकों से बच्चों का इलाज तो कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. ज्यादातर चिकित्सक बच्चों को विशेषज्ञ चिकित्सक से दिखाने की सलाह दे रहे हैं, जबकि चंद्रिका की आर्थिक स्थिति यह है कि उसे घर चलाने तक में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं आखों के सर्जन डॉक्टर मुकेश गुप्ता का कहना है कि इसके पीछे कई तरह के कारण हो सकते हैं. उनके अनुसार इसके पीछे कोई संक्रमण या आनुवंशिक वजह भी हो सकती है‌‌. जिसका पता पूरी जांच के बाद ही लग सकता है.


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