गोंडा, एबीपी गंगा। गोंडा में ठंड लगने से निमोनिया, डायरिया और फेफड़े में इन्फेक्शन से तीन बच्चों की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। तीनों बच्चे अलग-अलग स्थानों से गोंडा के जिला अस्पताल में भर्ती हुए थे। जहां पर इलाज के दौरान बच्चों की मौत हुई है और जिला अस्पताल प्रशासन इस बात को मानने को तैयार नहीं है। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अरुण लाल का कहना है कि गोंडा के जिला अस्पताल में तीन बच्चो की नहीं बल्कि दो बच्चों की मौत हुई है। एक तरफ तो वह ठंड की बात से किनारा लेते नजर आते हैं और दूसरी तरफ कहते हैं कि बच्चों की मौत निमोनिया, डायरिया और फेफड़े के इंफेक्शन से हुआ है। बच्चे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती हुए थे जहां पर उनका इलाज चल रहा था, इलाज के दौरान मौत हुई है। लेकिन डॉक्टर साहब को यह नहीं पता कि ठंड से ही निमोनिया डायरिया और फेफड़े में इन्फेक्शन होता है।


ठंड बढ़ने के साथ ही बीते तीन दिनों में जिला अस्पताल की चिल्ड्रन वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। तुलसीपुर, पड़रीकृपाल के अशोक कुमार की चार माह की बेटी साक्षी के पेट में तेज दर्द होने के कारण भर्ती कराई गई, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। लव्वाटेपरा के बाबादीन की डेढ़ वर्ष की पुत्री राधिका को ठंड लगने के कारण निमोनिया की शिकायत के साथ गुरुवार को भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को इलाज के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया। इसी तरह खरगूपुर बाजार के रहने वाले प्रभुनाथ की 5 वर्षीय पुत्री निहारिका की मौत भी ठंड के चलते हो गई है। ठंड लगने से फेफड़ों में संक्रमण के चलते उसकी मौत हो गई है। बीते तीन-चार दिनों में ठंड लगने से होने वाली परेशानियों से मरीजों की संख्या बढ रही है। अधिकांश बच्चों को ठंड से डायरिया या निमोनिया जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं।