हरिद्वार. धर्मनगरी हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है. वैसे तो उत्तराखंड सरकार की तरफ से महाकुंभ का आयोजन एक अप्रैल से 28 अप्रैल तक किया जाना है, लेकिन महाशिवरात्रि के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और अखाड़ों के साधु-संतों ने हरिद्वार स्थित हर की पौड़ी पर शाही स्नान किया. शाही स्नान के लिए राज्य सरकार की तरफ से भी तैयारी की गई थी. कोरोना संक्रमण के चलते हरिद्वार में खास इंतजाम किए गए. इस दौरान हर की पौड़ी पर अनाउंसमेंट के जरिए लोगों से अपील भी की गई. लोगों को लगातार लाउडस्पीकर से दिशा-निर्देश दिए जा रहे थे.


लोगों से कहा गया, "शाही स्नान शुरू हो चुका है, कृपया अपने नजदीकी घाट की तरफ जाएं." भीड़ बढ़ने पर लोगों से गंगा में तीन डुबकी लगाने को भी कहा गया. बाद में लोगों से कहा गया, "कृपया बार-बार डुबकी ना लगाएं, तीन डुबकी-एक स्नान."


सयम बढ़ने के साथ ही लोगों की भीड़ बढ़ रही थी. होटलों और धर्मशालाओं से लोग निकल रहे थे. हर की पौड़ी पर ज्यादातर लोगों ने मास्क नहीं लगाया हुआ था. लोगों से फिर कहा गया, "बहुतों ने मास्क नहीं पहना है. कृपया अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए मास्क जरूर पहनें. स्नान करने के बाद घाट खाली करें."


30 लाख लोगों ने लगाई डुबकी
मेला प्रशासन ने महाशिवरात्रि पर 30 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का दावा किया और कहा कि स्नान सकुशल संपन्न हुआ. महाशिवरात्रि पर संन्यासी अखाड़ों के हज़ारों नागा साधु-संतों ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ ब्रह्मकुंड पर गंगा में डुबकी लगाकर शाही स्नान किया. हरिद्वार कुंभ मेले के इतिहास में पहली बार किन्नर अखाड़े ने जूना अखाड़े के साथ स्नान किया.


गंगा के विभिन्न घाटों पर ब्रह्ममुहूर्त में ही स्नान शुरू हो गया था जो देर शाम तक जारी रहा. हर की पौड़ी के ब्रह्मकुंड क्षेत्र को अखाड़ों के शाही स्नान के लिए सुबह आठ बजे खाली करा लिया गया था, लेकिन अन्य घाटों पर लाखों श्रद्धालु दिन भर गंगा में पुण्य की डुबकी लगाते रहे. शुभ मुहूर्त पर स्नान के लिए मंगलवार रात से ही श्रद्धालुओं का रेला उमड़ना शुरू हो गया था.


सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
मेला प्रशासन ने मेले के लिए सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए थे. पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल, मेलाधिकारी दीपक रावत व जिलाधिकारी सी रविशंकर खुद सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे. कुंभ क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर अर्धसैनिक बल और पुलिस के साथ बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वाड और नदी तट छेत्र में जल पुलिस की टीमें तैनात रही.


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