लखनऊ,एबीपी गंगा । लखनऊ विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट रैकेट मामले में पांच दिन बाद लविवि प्रशासन सक्रिय हुआ है। अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वर्षों से एक ही स्थान पर जमे तीन कर्मचारियों का तत्काल प्रभाव से अन्य विभाग में स्थानांतरित करने के आदेश जारी किए। वहीं, जल्द ही कई अन्य के स्थानांतरण किए जाने की भी चर्चा रही।


कुलसचिव एसके शुक्ला की ओर से मंगलवार को जारी निर्देश के तहत कुलसचिव कार्यालय परीक्षा विभाग में तैनात कनिष्क सहायक जेपी सिंह को कुलसचिव कार्यालय छात्रवृत्ति अनुभाग में स्थानांतरित किया है। इसी तरह रामचरित्र को भी छात्रवृत्ति अनुभाग में स्थानांतरित किया है। वहीं, कुलसचिव कार्यालय परीक्षा विभाग में तैनात अजीत सिंह को प्रॉक्टर कार्यालय स्थानांतरित किया है।


नहीं हाजिर हो रहा है गयाबक्श सिंह:


फर्जी मार्कशीट रैकेट मामले में पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपितों के बयान में कनिष्क लिपिक संजय चौहान, राजीव व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी गयाबक्श सिंह के नाम उजागर हुए थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि संजय सिंह राठौर और राजीव को जब भी पूछताछ के लिए बुलाया जाता है दोनों हाजिर होते हैं, मगर गयाबक्श सिंह मामला उजागर होने के बाद से ही फरार चल रहा है। साथ ही कई रसूखदारों द्वारा दबाव बनाने का भी प्रयास कर रहा है। जबकि तीनों में गयाबक्श के खिलाफ सबसे अधिक सबूत हाथ लगे हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गयाबक्श की धरपकड़ के लिए कई टीमें लगाई गई हैं। जल्द ही वह पुलिस गिरफ्त में होगा।