बाराबंकी: बाराबंकी में शिक्षा विभाग डीआईओएस कार्यालय के निकट इण्टर कॉलेज में तैनात तीन शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए है. सत्यापन के दौरान हुए खुलासे ने माध्यमिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है. जिले में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे बेसिक शिक्षा विभाग में अब तक 15 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है. उनपर कानूनी कार्रवाई चल रही है.
मामला बाराबंकी जनपद में नगर क्षेत्र के जीजीआईसी, डीएवी इंटर कालेज और सफदरगंज स्थित जगदीशराय फतेहचंद इंटर कालेज से जुड़ा है. जहां शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन के दौरान नगर के सरकारी बालिका इंटर कालेज में 2015 में उर्दू शिक्षक के पद पर तैनात जीनत ज़बी की दसवीं की मार्कशीट संदिग्ध पाई गई और 2003 से डीएवी इंटर कालेज में तैनात शिक्षक ज्ञानदास वर्मा की 1986 इंटर परीक्षा अंक पत्र संदिग्ध मिला जिसका परीक्षाफल निरस्त और अनुपस्थित पाया गया था. वहीं सफदरगंज के फतेहचंद जगदीशराय इंटर कालेज में सहायक अध्यापक पद पर तैनात शशिवेंद्र की मार्कशीट, डिग्री डॉ. भीमराव आंबेडकर आगरा से हुई जो जांच में फर्जी पाई गई है. मामले में कई वर्षों से मोटी पगार ले रहे तीनों शिक्षकों के विरुद्ध माध्यमिक शिक्षा विभाग ने वेतन रोक कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है.
डीआईओएस कार्यालय से चंद दूरी पर है स्कूल
जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) कार्यालय से चंद दूरी पर स्थित स्कूलों में तैनात फर्जी शिक्षक मिलने से कार्यालय के कामकाज और समय पर शैक्षिक प्रमाण पत्रों की स्क्रूटनी न होने से विभाग पर सवाल उठ रहे हैं.
डीआईओएस की प्रतिक्रिया
जून 2019 से बाराबंकी जनपद में डीआईओएस पद पर तैनात राजेश कुमार वर्मा का कहना है कि शासन के निर्देश पर शिक्षा विभाग के कॉलेज और सहायता प्राप्त स्कूलों में तैनात शिक्षक कर्मचारी समेत सभी के अभिलेखों का सत्यापन चल रहा है. इसी में मंगलवार को सत्यापन के दौरान तीन शिक्षकों के अभिलेख जिससे उन्होंने नियुक्ति हासिल की थी उसमें त्रुटि पाई पाई गई है. स्कूल के प्रबंधकों को नोटिस भेज कर शिक्षकों के वेतन को रोक दिया गया है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है. जो पूर्व में शिक्षकों को अधिकृत भुकतान हुआ उसकी रिकवरी कराई जाएगी.