Coronavirus in UP इन तीन खलनायकों ने फोड़ा यूपी में कोरोना बम, ये हैं कोरोना फैलाने के असल ज़िम्मेदार
यूपी में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आखिर यूपी में कोरोना का कहर इस रफ्तार से कैसे बढ़ा...क्या रही वजहें जिन्होंने राज्य को इस बड़े संकट की ओर ढकेला। एबीपी गंगा संवाददाता शैलेश अरोड़ा की खास रिपोर्ट पढ़िये
लखनऊ, शैलेश अरोड़ा। यूपी में कोरोना पॉजिटिव का सबसे पहला केस दो मार्च को आगरा में सामने आया। वहीं लखनऊ में 12 मार्च को विदेश से लौटी महिला चिकित्सक में कोरोना की पुष्टि हुई। 20 मार्च को यूपी में कोरोना पॉजिटिव के 23 केस थे। फिर 31 मार्च तक ये संख्या बढ़कर 103 पहुंच गयी। यहां तक भी हालात काफी काबू में थे। लेकिन फिर अचानक कुछ ऐसा हुआ कि अप्रैल के महज 20 दिन में यूपी में कोरोना मरीजों की संख्या बेकाबू होकर 1176 तक पहुंच गयी। आखिर ऐसा क्या हुआ जो यूपी में कोरोना बम फट गया? जमाती, पारस हॉस्पिटल और सीज़ फायर कंपनी। यही वो तीन बड़ी वजह हैं जिनके चलते यूपी में कोरोना को पैर पसारने का मौका मिला।
कोरोना से जुड़े आंकड़े बयां कर रहे ये हकीकत यूपी में कोरोना के मामलों की शुरुआत के साथ ही योगी सरकार ने कमर कस ली। खुद सीएम योगी अधिकारियों के साथ ऐसी रणनीति बनाने में जुट गए कि कोरोना पांव न पसार सके। इसमें सफलता भी नजर आने लगी। लेकिन तभी एक-एक कर तीन ऐसी बड़ी वजह बनीं, जिससे कोरोना के मरीज अचानक कई गुना बढ़ गए। ये तीन वजह थी जमाती, नोएडा की सीजफायर कंपनी और आगरा का पारस हॉस्पिटल। कोरोना से जुड़े आंकड़े खुद इस बात की तस्दीक करते हैं।
लखनऊ के 167 केस में 140 जमाती ये आंकड़े साफ बताते हैं अगर ये तीन वजह न होती तो यूपी में कोरोना का ऐसा रूप भी नहीं होता। असल में तब्लीगी जमात के लोगों के जगह जगह पहुंच जाने से कोरोना पॉजिटिव के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई। लखनऊ का ही उदाहरण ले तो यहां कोरोना के 167 केस हैं, जिनमे करीब 140 जमाती या उनके संपर्क के लोग हैं।
आगरा में कोरोना का जिम्मेदार जमाती और पारस हॉस्पिटल आगरा के पारस हॉस्पिटल में किडनी की बीमारी से पीड़ित आगरा की 65 वर्ष की महिला 15 मार्च से 2 अप्रैल तक भर्ती रही। यहां से जब वह मथुरा के नयति अस्पताल में पहुंचीं तो 4 अप्रैल को संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने पारस हॉस्पिटल के स्टाफ और यहां भर्ती मरीजों को और उनके संपर्क में आए सभी लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे। इसके बाद आगरा में कोरोना विस्फोट हो गया। आगरा में कोरोना के 255 पॉजिटिव केस हैं। इनमे 92 जमाती या उनके संपर्क के और 79 पारस हॉस्पिटल या उनके संपर्क के केस हैं।
नोएडा में सीजफायर कंपनी ने लगाई कोरोना की आग नोएडा की बात करें तो वहां कोरोना को बढ़ाने में सीजफायर कंपनी की बड़ी भूमिका रही। कंपनी में ब्रिटेन का एक शख्स ऑडिट करने आया। वह कोरोना वायरस से संक्रमित था। इसके बाद 24 मार्च को कंपनी का एक व्यक्ति जिला अस्पताल में भर्ती हुआ जिसमे 27 मार्च को कोरोना की पुष्टि हुई।
इसके बाद नोएडा में तेजी से कोरोना पॉजिटिव केस बढ़ते गए। नोएडा के 98 कोरोना पॉजिटिव में 56 तो सिर्फ सीजफायर कंपनी के अधिकारी, कर्मचारी या उनके कांटेक्ट के हैं।
यूपी में कोरोना से जुड़े अहम आंकड़े
- 20 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक यूपी में कोरोना के कुल पॉजिटिव केस 1,176
- इनमे 812 जमाती या उनके संपर्क में आने से कोरोना पॉजिटिव
- कुल संख्या में 79 केस आगरा के पारस हॉस्पिटल या उनके कांटेक्ट से जुड़े
- कुल संख्या में 56 केस नोएडा की सीज फायर कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी या उनके संपर्क से संक्रमित
- यानी यूपी के कुल 1176 कोरोना पॉजिटिव में 947 केस तो सिर्फ जमाती, आगरा के पारस हॉस्पिटल या नोएडा की सीज फायर कंपनी से जुड़े हैं। इसके अलावा यूपी में 229 कोरोना पॉजिटिव ही और हैं।
आपको बता दें कि ये सभी डेटा 20 अप्रैल सुबह 6 बजे तक को हैं।