उत्तराखंड: जोशीमठ में जम गई नीति घाटी, टिम्बर महादेव बन गये बाबा बर्फानी
उत्तराखंड के जोशीमठ में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. यहां चारों तरफ बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही है. वहीं, यहां स्थित भोलेनाथ के प्रसिद्ध मंदिर में बाबा बर्फानी अपना नया अवतार ले चुके हैं.
जोशीमठ: जोशीमठ भारत चीन सीमा से सटे अंतिम गांव नीति में भारी ठंड का प्रकोप देखने को मिल रहा है. नीति घाटी में नदी नाले सब कुछ पहले ही जम चुके हैं और यहां रहने वाले लोग शीतकालीन प्रवास में नीति घाटी को खाली कर निचली जगह पर आ चुके हैं, लेकिन कड़कड़ाती सर्दी के बीच यहां स्थित भोलेनाथ का प्रसिद्ध मंदिर टिम्बर सैण महादेव एक बार फिर इस वर्ष बाबा बर्फानी का अवतार ले चुके हैं और इस बार यहां बाबा बर्फानी के दर्शनों को लोग भी पहुंचने शुरू हो चुके हैं. यहां गुफा के अंदर बढ़ती ठंड के चलते भोलेनाथ का शिवलिंग बर्फ की जटाओं में कहीं बर्फ के नीचे दब चुके हैं.
वहीं अब यहां बाबा बर्फानी का अवतार देखने को मिल रहा है. यहां हर वर्ष दिसंबर से अप्रैल तक भोलेनाथ बाबा बर्फानी के रूप में विराजमान होते हैं. वहीं इस वर्ष भी बाबा बर्फानी बढ़ती ठंड के चलते विराजमान हो चुके हैं. गुफा के चारों तरफ भोलेनाथ की जटा ने बर्फ के आकार में बिखर चुकी है और लोग यहां दर्शन करने पहुंच रहे हैं.
कड़ाके की ठंड से सब जम गया
कड़ाके की ठंड से पानी जम चुका है. झरने, नदी ,नाले सब जम चुके हैं. जहां भी नजर घुमाओ तो वहां केवल जमा हुआ पानी ही नजर आ रहा है. कड़ाके की ठंड में लोग परेशान हैं. हालांकि बर्फबारी नहीं है, लेकिन उसके बाद भी पहाड़ों में जबरदस्त ठंड पड़ रही है.
बर्फ का आकार ले चुके हैं टिम्बर सैन महादेव
नीति घाटी में चारों तरफ जमा हुआ पानी और पाला नजर आएगा. जहां भी नजर घुमाओ वहां केवल पाला ही पाला दिखाई दे रहा है. नीति घाटी में स्थित भोलेनाथ का प्रसिद्ध मंदिर टिम्बर सैन महादेव भी अब बर्फ का आकार ले चुके हैं. यहां बर्फ की मोटी-मोटी चादर सी बिछ गई है. यहां भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर टपकने वाला पानी भी बर्फ का रूप ले चुका है.
पहाड़ों में बर्फबारी ना होने के बाद भी सैलानी भारी मात्रा में पहुंच रहे हैं. जहां भी सैलानियों को बर्फ दिखाई दे रही है, वहीं पहुंचकर मौज मस्ती कर रहे हैं.
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