UP: एएमयू परिसर में गाड़ा गया ‘टाइम कैप्सूल’, 100 साल का इतिहास संजोया गया
एएमयू प्रशासन ने भावी पीढ़ियों के फायदे के लिये टाइम कैप्सूल को परिसर में गाड़ने का फैसला किया. प्रशासन का कहना है कि इसके जरिये कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को संरक्षित किया गया है.
अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के 100 साल के इतिहास के दस्तावेज वाले एक टाइम कैप्सूल (काल पात्र) को मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में विक्टोरिया गेट के सामने जमीन में गाड़ा गया.
100 साल का इतिहास
एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित डिजिटल समारोह को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि देश के इस बेहतरीन संस्थान के 100 साल के इतिहास को टाइम कैप्सूल में संजोया जाना भावी पीढ़ियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण और लाभदायक है.
एएमयू के सूत्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर के विक्टोरिया गेट के सामने जमीन में गाड़े गए टाइम कैप्सूल में विश्वविद्यालय के पिछले 100 साल के इतिहास को संजोए सभी ऐतिहासिक दस्तावेज संरक्षित किए गए हैं.
आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा फायदा
उन्होंने बताया कि इन ऐतिहासिक दस्तावेजों को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सामग्री के मदद से संरक्षित किया गया है ताकि उन्हें लंबे समय तक संरक्षित किया जा सके और आने वाली पीढ़ियों को इसका फायदा मिल सके.
टाइम कैप्सूल में रखे गए दस्तावेजों में विश्वविद्यालय में अभी तक हुए सभी दीक्षांत समारोह का संक्षिप्त विवरण, वर्ष 1920 के एएमयू एक्ट की प्रति, सर सैयद किताब और प्रख्यात इतिहासकार प्रोफेसर खालिद अहमद निजामी की एल्बम शामिल है.
असली टाइम कैप्सूल निकालने का फैसला
एएमयू के प्रवक्ता राहत अबरार ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने वर्ष 1877 में मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना के वक्त परिसर में गाड़े गए असली टाइम कैप्सूल को बाहर निकलवाने का फैसला किया है. इसके लिए एक समिति गठित की गई है, जो इस प्रक्रिया की निगरानी करेगी.
उन्होंने बताया कि उस वक्त टाइम कैप्सूल में संरक्षित किए गए सभी ऐतिहासिक दस्तावेजों को विद्वानों के साथ साझा किया जाएगा और उन्हें डिजिटल स्वरूप देकर संरक्षित भी किया जाएगा.
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