नई दिल्ली, एबीपी गंगा। आम चुनाव में नरेंद्र मोदी की अभूतपूर्व जीत ने राजनीति के इतिहास में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस जीत के बाद विरोधी भी उनके गुणगान कर रहे हैं। सबसे बड़ा बदलाव उस वक्त देखने को मिला जब अमेरिका की प्रतिष्ठित मैगजीन टाइम ने अपने लेख मोदी की तारीफ करते हुये एक लेख  लिखा। 28 मई को टाइम ने अपनी वेबसाइट में इस लेख को प्रकाशित किया है। इसका शीर्षक है 'मोदी हैज यूनाइटेड इंडिया लाइक नो प्राइम मिनिस्टर इन डेकेड्स' यानी 'मोदी ने भारत को इस तरह एकजुट किया है जितना दशकों में किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया'।


पत्रिका के इस बदले हुये रुख ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। इसकी सबसे बड़ी वजह थी कि 10 मई को टाइम मैगजीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना का एक लेख प्रकाशित किया था। यही नहीं मोदी पर लिखे गये इस लेख में उन्हें भारत का 'डिवाइडर इन चीफ' बताया गया था।' हालांकि भारत में इसे लेकर काफी विरोध हुआ था।

इस आर्टिकल को मनोज लडवा ने लिखा है जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान 'नरेंद्र मोदी फॉर पीएम' कैंपेन चलाया था। इस आर्टिकल में लिखा गया है कि, 'उनकी सामाजिक रूप से प्रगतिशील नीतियों ने तमाम भारतीयों को जिनमें हिंदू और धार्मिक अल्पसंख्यक भी शामिल हैं, को गरीबी से बाहर निकाला है। यह किसी भी पिछली पीढ़ी के मुकाबले तेज गति से हुआ है।'

आतिस तासीर ने की थी अपने लेख में मोदी की आलोचना

इससे पहले पीएम मोदी पर टाइम ने अपने आर्टिकल जो इसी महीने 10 मई के अंक में प्रकाशित किया गया था। लेख में पत्रकार आतिश तासीर की कवर स्टोरी से बिल्कुल जुदा है। उसमें तासीर ने लिंचिंग के मामलों और यूपी में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने समेत कई बातों को लेकर पीएम मोदी  की आलोचना की थी।



चुनाव के दौरान छपे उस अंक ने भारत में काफी सुर्खियां बटोरी। मोदी समर्थकों ने जहां टाइम की कवर स्टोरी की कड़ी आलोचना की, वहीं मोदी विरोधियों ने उसे हाथों हाथ लिया था।