Tirath Singh Rawat Oath: तीरथ सिंह रावत ने ली उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ
Tirath Singh Rawat Oath: नौ अप्रैल 1964 को जन्मे तीरथ सिंह रावत छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे. बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें गढ़वाल सीट से उतारा था और उन्होंने जीत दर्ज की थी.
देहरादून: त्रिवेंद्र सिंह रावत की विदाई के बाद उत्तराखंड के गढ़वाल से बीजेपी सांसद तीरथ सिंह रावत ने राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है. राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. उन्हें बीजेपी विधायक दल की बैठक में पार्टी का नेता चुना गया था.
ऐसा रहा है तीरथ सिंह रावत का सियासी सफर
गढ़वाल के कलगीखल विकासखंड के सीरों में नौ अप्रैल 1964 को जन्मे तीरथ सिंह रावत छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे. रावत संघ की पृष्ठिभूमि से बीजेपी की राजनीति में आने वाले नेता हैं. छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ाव रहा. संघ से जुड़े दायित्व निभाते हुए वह बीजेपी की मुख्यधारा की राजनीति में आए. 1997 में पहली बार वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे. वह राज्य के मंत्री भी रह चुके हैं. साल 2012 में चौबटाखाल विधानसभा सीट से चुनाव जीते. साल 2013 से 31 दिसंबर 2015 तक वह उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे. गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं. पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें गढ़वाल सीट से उतारा था और उन्होंने जीत दर्ज की थी.
कभी बीजेपी ने काट दिया था टिकट
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले तीरथ सिंह रावत का साल 2017 में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए टिकट काट दिया था. उस समय वो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और चौबट्टाखाल के विधायक थे. रावत का टिकट काटकर कांग्रेस से आए नेता सतपाल महाराज को दे दिया गया था. उस समय लगा था कि तीरथ सिंह कोई विरोध करेंगे. लेकिन उन्होंने पार्टी के निर्णय को मान लिया.
इसके बाद ही तीरथ सिंह रावत को राष्ट्रीय सचिव बना दिया गया था. टिकट कटने के बाद भी वो लगातार काम करते रहे. इसी बीच 2019 में तीरथ सिंह रावत को पौढ़ी गढ़वाल से लोकसभा चुनाव लड़ाया गया और वो सांसद बन गए.
कौन हैं तीरथ सिंह रावत?
- 56 साल को तीरथ सिंह रावत गढ़वाल से सांसद हैं - 1997 से 2002 तक यूपी विधान परिषद के सदस्य रहे - 2000 से 2002 तक उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री रहे - 2012 से 2017 तक विधायक रहे - 2013 से 2015 तक उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं
सीएम चुने जाने की घोषणा के बाद तीरथ सिंह रावत ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपना बड़ा भाई बताया था. उन्होंने कहा कि ''जो जिम्मेदारी मिली है वो मैं निभाऊंगा. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जो काम बतौर सीएम किए हैं उन्हें मैं आगे बढ़ाने का काम करूंगा. जो काम उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह ने किया वो पहले किसी ने नहीं किया है. प्रदेश की बेहतरी के लिए काम करूंगा.''
तीरथ सिंह रावत ने कहा कि ''मैं केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद करना चाहूंगा जिन्होंने मुझे ये पदभार दिया. मैं गांव से आया हुआ एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं, मैंने कभी कल्पना नहीं की थी. जनता के विश्वास पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे, मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के लिए जो काम किए हैं उसे आगे बढ़ाएंगे.''
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