Tirupati Temple Prasad Row: तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी वाले तेल का इस्तेमाल को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं इसको लेकर प्रसिद्ध कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुरजी महाराज ने भी सवाल उठाए है. उन्होंने कहा कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद में मांस की मिलावट की खबर जो सामने आ रही है, वह बहुत ही दुखद है, आत्मा का वध करने जैसा है. सनातनियों की भावना के  साथ कोई इतना छेड़छाड़ कर  सकता है, वह भी राज्य के सरकार के संरक्षण और देखरेख में हो रहा वो मेरी समझ से परे है. हम लोगों के संविधान में कहा गया है कि सभी अपनी पूजा पद्धति अपने-अपने तरीके से मानेंगे. 


उन्होंने यह भी कहा कि क्या संविधान में यह कहा गया है कि हमारी पूजा पद्धति पर राज्य सरकार का अधिकार होगा या कमेटी बनेगी. इसके साथ ही इसमें मिलावट होगी या कोई ऐसी चीज मिला दी जाएगी जिससे सनातिनयों का धर्म भष्ट हो जाएगा. तिरुपति में जिस तरह पवित्रता का ध्यान रखा जाता है हम सब जानते है लेकिन जिस तरह की खबरें सामने आ रही है वो ठीक नहीं है, अगर यह सच है तो निश्चित तौर से हम सब सनातनियों के साथ बहुत बड़ा आघात हुआ है. मेरी सनातनियों से गुजारिश है कि इसके खिलाफ सभी मिलकर खड़े हो और जल्द से जल्द यह पता लगाया जाए कि इन सबके पीछे कौन है, उसे जल्द गिरफ्तार कर उस पर कठोर कार्रवाई की जाए.


क्या है पूरा मामला?
आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि जगनमोहन रेड्डी के सरकार में रहते हुए तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी को मिलाया जाता था. एक कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल हुआ था, इसके अलावा भी दोयम दर्जे के सामान का इस्तेमाल होता था. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि घी सहित उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का अब इस्तेमाल किया जा रहा है और मंदिर में सभी भोजन प्रसाद अब बेहतर गुणवत्ता के हैं. 


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