Tirupati Prasadam Dispute: विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में बनाए जाने वाले प्रसाद में चर्बी मिलाए जाने और मछली के तेल का इस्तेमाल किये जाने की घटना को लेकर देशभर विरोध शुरु हो गया है. हिंदू धर्म के लोगों ने इस पर आस्था के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. तिरुपति मंदिर में लाखों की संख्या में लड्डू बनाए जाते हैं और श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित किया जाता है. अब इस घटना को लेकर कानपुर में विरोध देखने को मिला है. हिंदू संगठनों ने सड़कों पर उतरकर इसका विरोध किया है.


कानपुर की सड़कों पर बड़ी संख्या में दिख रहे लोग हिंदू संगठन का हिस्सा है और ये सड़कों पर तिरुपति मंदिर में बनाए जा रहे प्रसाद में मांसाहार मिलने का विरोध कर रहे हैं. हिंदू संगठनों ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी का पुतला दहन किया. संगठन के पदाधिकारियों ने हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किए जाने का भी आरोप लगाया. संगठन का कहना है कि, इस तरह काम करने वाले लोगों को जांच कर आरोपियों को फांसी दी जानी चाहिये. प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि मठ मंदिरों का अपमान नहीं सहा जाएगा. इस प्रदर्शन में हिंदू संगठन के तमाम नेता शामिल रहे. विश्व हिंदू परिषद के कई पदाधिकारी भी मौजूद रहे.


आरोपियों को फांसी देने की मांग
वहीं प्रकाश शर्मा वीएचपी के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि इस तरह से देश में हिंदुओं की आस्था एक साथ हो रहे खिलवाड़ और अपमान को माफ नहीं किया जा सकता है. कमीशन खोरी के चलते जगनमोहन रेड्डी ने प्रसाद में मछली का तेल और मांस की चर्बी मिलाकर करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाया है और ऐसे आरोपियों को फांसी दी जानी चाहिए. तिरुपति बालाजी मंदिर में हर तीन लाख पचास हजार लड्डू बनाए जाते हैं, जिससे मंदिर प्रबंधन सलाना करोड़ों रुपए कमाता है. वहीं इस प्रसाद को देश के अलग-अलग मंदिरों में भेजे जाने की बात उन्होंने कही है.


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