Tirupati Prasad: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट मामले में रुड़की के पास भगवानपुर स्थित एक फैक्टरी का नाम जुड़ा है. ये फैक्टरी ‘भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम से चल रही थी और यहां से तिरुपति मंदिर के लिए घी की आपूर्ति की जा रही थी. तिरुपति मंदिर को सप्लाई किए गए घी में मिलावट की खबर फैलने के बाद इस फैक्ट्री पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने छापा मारा. हालांकि, छापेमारी के दौरान फैक्ट्री पिछले एक महीने से बंद पाई गई.
जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री के मालिक देहरादून में रहते हैं और वहीं से पूरा कारोबार संचालित करते हैं. फैक्टरी मालिक का घी और तेल का अन्य राज्यों में भी कारोबार है. इसके साथ ही ये भी पता चला है कि फैक्ट्री सस्ते दामों पर घी बेच रही थी, ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी कम कीमत पर देशी घी कैसे बनाया जा रहा था.
जानकारों के मुताबिक 12 किलो दूध से लगभग 1 किलो देसी घी मिलता है. जबकि बाजार में इसकी कीमत लगभग 600 रुपये प्रति किलो है. इसके विपरीत, फैक्ट्री केवल सवा तीन सौ से सवा चार सौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से घी बेच रही थी, जो असामान्य रूप से सस्ता था. इस सस्ते घी के पीछे मिलावट का संदेह बढ़ गया है.
देहरादून से जुड़ा मिलावटी प्रसाद का कनेक्शन
तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट का खुलासा आंध्र प्रदेश के वाणिज्य कर विभाग द्वारा मिले बिलों के आधार पर हुआ. मंदिर को हजारों क्विंटल घी सप्लाई किया गया था. इस घी की गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद इसकी जांच शुरू की गई. जिसमें पता चला है कि घी की सप्लाई भगवानपुर स्थित इस फैक्ट्री से हो रही थी, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह घी सस्ते दामों पर बेचा जा रहा था.
छापेमारी के बाद अब जांच देहरादून तक पहुंच गई है. क्योंकि वहीं से ये सारा कारोबार चल रहा था. फैक्ट्री संचालकों से संपर्क नहीं हो पाया है. क्योंकि उनके फोन बंद हैं. खाद्य सुरक्षा उपायुक्त आरएस रावत ने बताया कि फैक्ट्री में उत्पादन बंद होने के कारण अभी जांच में बाधा आ रही है. सभी जरूरी दस्तावेज और सामान जब्त कर लिए गए हैं. रावत ने यह भी कहा कि इस मामले में सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
मिलावटी घी मामले में जांच तेज
तिरुपति लड्डुओं में घी की मिलावट का मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड में भी खाद्य सुरक्षा विभाग ने व्यापक जांच अभियान चलाया. इस दौरान राज्यभर में विभिन्न ब्रांड्स के घी के 113 सैंपल एकत्र किए गए, जिनमें से 23 सैंपल देहरादून से लिए गए थे. सभी सैंपल रुद्रपुर स्थित लैब में भेजे गए हैं, जहां उनकी जांच की जा रही है. खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि एक महीने के भीतर सभी सैंपल की रिपोर्ट आ जाएगी, जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि घी असली था या नकली.
उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा उपायुक्त आरएस रावत ने कहा, “तिरुपति के प्रसाद में घी की मिलावट का मामला सामने आने के बाद राज्यभर में जांच अभियान चलाया गया है. अब तक 113 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. सभी जरूरी दस्तावेज और साक्ष्य जब्त कर लिए गए हैं. हमें उम्मीद है कि एक महीने के भीतर सैंपल रिपोर्ट मिलने के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी.”
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट के बाद श्रद्धालुओं की भावनाएं बहुत आहत हुई हैं. इससे खाद्य सुरक्षा के मानकों पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं. आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है. जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि देशी घी की सप्लाई में आखिर कितनी बड़ी मिलावट हो रही थी और इसके पीछे कौन-कौन से लोग शामिल थे.
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