(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttarakhand News: मसूरी में जोशीमठ जैसे हालात रोकने के लिए सरकार उठाए सख्त कदम, NGT की एडवायजरी में चेतावनी
Mussoorie News: एनजीटी की रिपोर्ट पर कैबिनेट मंत्री और मसूरी विधायक गणेश जोशी का कहना है कि सरकार को बीच का रास्ता अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश पर्यटन स्थल है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड के पर्यटक स्थल मसूरी (Mussoorie) पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. खतरे के मद्देनजर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने एडवाइजरी जारी की है. एनजीटी ने कहा है कि वक्त रहते सख्त कदम नहीं उठाने पर मसूरी के हालात जोशीमठ (Joshimath) जैसे हो सकते हैं. आपको बता दें हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक मसूरी घूमने आते हैं. पर्यटकों के लिए बन रहे बेतहाशा रिसोर्ट से खतरे की आशंका है. ऐसे में एनजीटी ने मसूरी की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं.
क्या मसूरी में जोशीमठ जैसे बन सकते हैं हालात?
एनजीटी की जारी एडवाइजरी में राज्य सरकार से पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित और रिसोर्ट के निर्माण को सीमित करने की सिफारिश की गई है. एडवाइजरी में वैज्ञानिकों की चिंता का हवाला दिया गया है. कहा गया है कि वैज्ञानिकों की सलाह नहीं मानने पर जोशीमठ जैसे हालात को रोकने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे. भूवैज्ञानिक सुशील कुमार का कहना है कि मसूरी में मानकों को ताक पर रख तेजी से निर्माण कार्य हो रहा है.
निर्माण कार्य के लिए स्लोप की कटिंग पहाड़ों की मजबूती को कमजोर कर रही है.नदी और सड़क किनारे बननेवाले मकान और इमारत भी मसूरी के लिए बड़ा खतरा बन रहे हैं. ऐसे में आपदा या भूकंप आने पर भारी जनहानि के साथ नुक्सान हो सकता है. मसूरी में पर्यटकों के वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी पर्यावरण को दूषित कर रहा है. पर्यावरण प्रदूषण के दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं. इसीलिए मसूरी में आने वाले पर्यटकों की संख्या को सीमित करना बेहद जरूरी है.
जानें क्या कहती है एनजीटी की जारी एडवाइजरी?
एनजीटी की रिपोर्ट पर कैबिनेट मंत्री और मसूरी विधायक गणेश जोशी का कहना है कि उत्तराखंड पर्यटन स्थल है. प्रदेश में हर साल लाखों पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं. पर्यटकों की आवाजाही को नियंत्रित कर पाना मुश्किल होगा. लेकिन जोशीमठ जैसे हालात रोकने के लिए संबंधित विभाग को निर्माण कार्यों के लिए ठोस नीति बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान है.
मसूरी में पर्यटकों की संख्या को सीमित करने से पर्यटन व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. इसलिए सरकार को बीच का रास्ता निकालना होगा ताकि स्थानीय लोगों की आय में कमी ना हो और मसूरी को भी बचाया जा सके. कुछ समय पहले जोशीमठ के पहाड़ों में दरारें देखने को मिली थीं. उसके बाद लोगों को मकान खाली कर पलायन करना पड़ा था.