केंद्र ने मंगलवार की देर रात एक राजपत्र अधिसूचना (Gazette Notification) जारी कर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (Unlawful Activities Prevention Law) के तहत ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’(PFI) पर पाबंदी लगा दी थी. यह पाबंदी पांच साल के लिए लगाई गई है. इस पाबंदी के बाद आज पहला जुमा (Friday) है. सरकार को आशंका है कि पाबंदी को लेकर शरारती तत्व उपद्रव कर सकते हैं. इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने पूरे प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी है.


उत्तर प्रदेश पुलिस क्या सावधानी बरत रही है


जुमे की नमाज को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने पुलिस ने अलर्ट जारी किया है. पुलिस के आला अधिकारियों ने प्रदेश के संवेदनशील स्थानों पर पैदल पेट्रोलिंग और गश्त बढ़ाने के दिए निर्देश हैं. इसके साथ ही मस्जिदों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था और चौकसी बढ़ दी गई है. खुफिया टीमों को जुमे की नमाज के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों की निगरानी के लिए तैनात किया गया है. पुलिस को प्रदेश के भीड़ भरे बाजारों और संवेदनशील स्थानों पर चेकिंग अभियान चलाने के भी निर्देश दिए गए हैं.


दरअसल जांच एजंसियां बहुत पहले से ही पीएफआई से जुड़े लोगों के खिलाफ अभियान चला रही हैं.इसी महीने उसके कई ठिकानों पर छापेमारी की गई और उसके कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद 23 सितंबर को जुमे के दिन कुछ शहरों में पीएफआई पर कार्रवाई को लेकर उपद्रव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई थीं. इसे देखते हुए पुलिस और सावधानी बरत रही है.  


इन संगठनों पर भी लगाई गई है पाबंदी


केंद्र सरकार ने पीएपआई के साथ-साथ रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल पर भी पाबंदी लगा दी थी. सरकार ने यह पाबंदी विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के तहत लगाई है. 


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