Tokyo Paralympics 2020: गौतमबुद्ध नगर के जेवर के छोटे से गांव गोविंदगढ़ गांव के रहने वाले प्रवीण कुमार ने टोक्यो पैरालंपिक में सिल्वर पदक जीतकर पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन कर दिया है. प्रवीण कुमार का गांव ग्रेटर नोएडा से करीब 48 किलोमीटर दूर स्थित है. जहां के लिए ना तो अभी अच्छे रास्ते हैं ना ही गांव में कोई खेल का स्थान है और ना ही गांव में कोई बड़ा विद्यालय है. एबीपी गंगा की टीम प्रवीण कुमार के गांव पहुंची और उनके परिजनों के साथ खास बातचीत की.


प्रवीण के पिता पिता अमरपाल सिंह सिंचाई विभाग में कार्यरत हैं जबकि मां एक गृहणी हैं. प्रवीण कुल तीन भाई-बहन हैं. उनके पिता ने बताया कि प्रवीण ने खुद को कभी विक्लांग नहीं माना और खूब मेहनत करता था. बचपन से ही खेलों में उसकी दिलचस्पी थी. गांव के हर खेल में वो हिस्सा लेता था. वो सबसे बेहतर खेलता था. परिजनों ने बताया कि उसको वॉलीबाल का काफी शौक था. स्कूल में पढ़ते समय वो हाई जंप गेम की तरफ आकर्षित हुआ और फिर वही से आगे बढ़ता चला गया.


ग्रामीणों की मांग
एबीपी गंगा को प्रियजनों और गांव के वर्तमान प्रधान ललित ने बताया कि सात सितंबर को को प्रवीण कुमार पदक लेकर भारत आ रहे हैं. उनके स्वागत की जबरदस्त तैयारियां की जा रही हैं. गांववालों ने गांव में प्रवीण कुमार के नाम से एक स्टेडियम बनाने की मांग की है.


विधायक का ऐलान
वहीं जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रवीण कुमार ने क्षेत्र को एक नई पहचान दी है. गांव से निकल कर दुनिया में नाम रोशन किया है. विधायक ने घोषणा करते हुए कहा कि हमारी सरकार प्रवीण कुमार के नाम पर क्षेत्र में एक स्टेडियम बनाएगी. जिसको लेकर मेरी बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी  से हो गई है. उन्होंने भी परिवार से बात की और उनको बधाई देने के साथ ही मिलने की भी बात कही है.


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