वाराणसी. बदलते दौर में खेती के नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं. चाहे रूफ गार्डनिंग हो या फिर किचन गार्डन. नई प्रजाति सबको आकर्षित कर रही है. वहीं, उन्नत खेती के क्रम में वाराणसी के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने एक ऐसा पौधा खोजा है जो खास है. इस एक पौधे में दो सब्जियां उग रही हैं. जी हां, कमाल की तकनीक से एक ही पौधे में टमाटर और बैंगन और आलू के साथ बैंगन उगाया जा रहा है. वाराणसी के वैज्ञानिकों ने ये खास तकनीक खोज ली है जो बदलते हुए दौर की जरूरत बनने वाली है.


दरअसल, शहरी क्षेत्रों में रूफ गार्डनिंग का कल्चर तेजी से बढ़ रहा है. अब लोग बाहर की सब्जियां खरीदने से बच रहे हैं. लोग अपनी छत पर ही सब्जियां पैदा कर ले रहे हैं. किचन गार्डनिंग का ये फॉर्मूला आज हर किसी के शौक में शामिल है. लोगों के शौक को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक डॉ. आनंद बहादुर सिंह ने एक नए किस्म के पौधे की खोज की है.


ऐसे तैयार हुआ विशेष पौधा
इस विशेष पौधे को तैयार करने के लिए 24-28 डिग्री तापमान में 85 प्रतिशत से अधिक आर्द्रता और बिना प्रकाश के नर्सरी अवस्था में तैयार किया जाता है. ग्राफ्टिंग के 15-20 दिन बाद इसे खेत में बोया जाता है. ठीक मात्रा में उर्वरक, पानी और कांट- छांट के बाद ये पौधे रोपाई के 60-70 दिन बाद इन पौधों पर सब्जियां उगती हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि इस विधि से तैयार सब्जियों की गुणवत्ता में सुधार ज्यादा रहता है. इस विशेष तकनीक का प्रयोग साल 2013 के आसपास हुआ था. आने वाले दिनों में इस तकनीक का प्रयोग किसान भी कर सकेंगे.


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