कानपुर के बिकरू कांड में खुशी दुबे की जमानत को लेकर गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई की जाएगी. इस बीच सुनवाई से पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने खुशी दुबे की जमानत का विरोध करते हुए अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल किया है. जमानत याचिका के अलावा दो इंटरवेंशन पेटिशन भी दाख़िल की गई है. दरअसल, बिकरू कांड में शहीद हुए उत्तर पुलिस के जवानों के परिजनों की तरफ से ख़ुशी दुबे को ज़मानत दिए जाने को लेकर विरोध दर्ज किया गया है. मामला करीब डेढ़ महीने पहले कोर्ट में जमानत के लिये अपील पर आया है.


2020 में हुआ था बिकरु कांड 


साल 2020 में देशभर में कानपुर के बेहद चर्चित बिकरु काण्ड में खुशी दुबे को पुलिस ने सह अभियुक्त बनाया है. पुलिस ने खुशी समेत चार महिलाओं को घटना के समय पुलिस पर जानलेवा हमला कर रहे लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है. इसमें खुशी और तीन महिलाओं को 120 बी यानी अपराधिक षड्यंत्र का मुल्जिम बनाया है. खुशी दुबे की जमानत याचिका इस मसले पर निचली अदालत और हाईकोर्ट से ख़ारिज हो चुकी है. अब खुशी दुबे की जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में वकील विवेक तन्ख़ा, दीपक बाजपेई और शिवकांत दीक्षित ने अपील की है.


इस बीच खुशी दुबे की वकालत कर रहे एडवोकेट शिवकांत दीक्षित ने यूपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. शिवकांत की मानें तो यूपी सरकार किसी भी तरह से खुशी की जमानत नहीं होने देना चाहती. वहीं यूपी सरकार ने खुशी दुबे की जमानत की सुनवाई से ठीक एक दिन पहले जवाब दाखिल किया है और दो निजी इंटरवेंशन पिटिशन अपील कराई गई है.


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