नई दिल्ली, एबीपी गंगा। बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत आर राजकुमार राव स्टारर फिल्म 'जजमेंटल है क्या' इस हफ्ते रिलीज हो रही है। फिल्म रिलीज से पहले ही विवादों में हैं। पहले तो फिल्म के टाइटल को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद फिल्म का नाम 'मेंटल है क्या' बदलकर 'जजमेंटल है क्या' रखा गया। उसके बाद फिल्म प्रमोशन के दौरान कंगना द्वारा एक पत्रकार के साथ बदसलूखी के चलते फिल्म पर संकट के बादल मंडराने लगे। हालांकि, इन सब विवादों के बीच भी फिल्म लगातार चर्चा में बनी हुई है और लोगों को फिल्म का ट्रेलर खूब पसंद भी आया है।
'जजमेंटल है क्या'....ये फिल्म एक मर्डर मिस्ट्री साइकोथ्रिलर है। जिसको डायरेक्ट किया है प्रकाश कोवेलामुडी और एकता कपूर इसे प्रोड्यूस कर रही हैं। इस फिल्म में राजकुमार राव, कंगना रनौत के अलावा अमायरा दस्तूर और जिम्मी शेरगिल भी मुख्य किरदार निभा रहे हैं। इस फिल्म की असली अग्निपरीक्षा 26 जुलाई को है, जिस दिन फिल्म रिलीज हो रही है। हालांकि, 'जजमेंटल है क्या' बॉलीवुड की कोई पहली साइकोथ्रिलर फिल्म नहीं है। इससे पहले भी साइकोथ्रिलर बेस्ड कई फिल्में बड़े पर्दे पर आई हैं और उन्होंने लोगों को खूब एंटरटेनमेंट भी किया है।
आज हम आपको ऐसी ही 10 साइकोथ्रिलर फिल्मों के बारे में बताते जा रहे हैं, जिन्हें दर्शकों को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला। इसमें शाहरुख खान की डर भी शामिल है।
डर: 1993
1993 में रिलीज हुई बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान की फिल्म 'डर' आज भी लोगों में जेहन में जिंदा है। शाहरुख खान, सनी देओल और जूही चावला स्टारर इस फिल्म को दर्शकों को भरपूर प्यार मिला। ये फिल्म की कहानी राहुल, किरण और सुनील के इर्द-गिर्द घूमती है। जिसमें राहुल यानी शाहरुख खान ने साइको लवर की भूमिका निभाई थी। जिसपर किरण (जूही चावला) के प्यार का जुनून सवार था, लेकिन किरण की सगाई नौसेना अधिकारी सुनील (सनी देओल) से हो जाती है और उससे शादी भी होने वाी होती है। जिसके बाद किरण के प्यार में राहुल पागल हो जाता है। इस फिल्म की सिर्फ कहानी ही नहीं बल्कि गाने भी सुपरहीट रहे थे। तू है मेरी किरण..., तू मेरे सामने....दरवाजा बंद कर लो....सुपर-डुपर हिट रहे थे।
अंजाम: 1994
शाहरुख खान की फिल्म डर रिलीज होने के एक साल बाद आई अंजाम ने भी बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया। 1994 में रिलीज हुई अंजाम को राहुल रवैल ने डायरेक्ट किया था, जिसमें शाहरुख और माधुरी दीक्षित मुख्य भूमिका में थे। फिल्म की कहानी बिगड़ैल लड़के विजय (शाहरुख खान) और शिवानी (माधुरी दीक्षित) के इर्द-गिर्द घूमती है। जिसमें विजय को शिवानी से प्यार हो जाता है और उसका प्यार उस वक्त जुनून में बदल जाता है, जबकि शिवानी उसके शादी के प्रस्ताव को ठुकरा देती है। जिसके बाद शिवानी के प्यार का जुनून उसे मनोरोगी बना देता है। डर की तरह ही अंजाम के गाने भी हिट रहे थे। बड़ी मुश्किल है....चने के खेत में...तो आज भी लोगों की जुबा पर रहते हैं।
संघर्ष: 1999
साल 1999 में रिलीज हुई अक्षय कुमार, प्रीती जिंटा और आशुतोष राण स्टारर फिल्म संघर्ष की कहानी भी दर्शकों को खूब पंसद आई है। इस फिल्म में लज्जाशंकर (आशुतोष राणा) के किरदार ने लोगों को खूब डराया। इस किरदार की आज भी जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है। इस मनोवैज्ञानिक थ्रिलर फिल्म में लज्जाशंकर पांडे (आशुतोष राणा) अमर होने के लिए बच्चे का अपहरण करता है और उनकी बलि चढ़ाता है।
गुप्त : 1997
1977 में रिलीज हुई बॉबी देओल, मनीषा कोइराला और काजोल स्टारर फिल्म भी रहस्यमयी थ्रिलर थी। जिसका निर्देशन राजीव राय ने किया था। ये फिल्म सफल साबित हुई थी। इसकी कहानी और गानों को खूब सराहना मिली थी। फिल्म में काजोल ने साइको लवर की भूमिका निभाई थी।
गजनी: 2008
साल 2008 में रिलीज हुई फिल्म 'गजनी' आमिर खान की कामयाब फिल्मों में से एक है। फिल्म में आमिर को ऐसे प्रेमी/कारोबारी दिखाया गया है, जिसकी गर्लफ्रेंड की हत्या उसके सामने कर दी जाती है। उसपर भी लोहे की छड़ी से हमला होता है, जिसके बाद वह ऐसी बीमारी से ग्रस्त हो जाा है कि उसे 15 मिनट से ज्यादा पुरानी बातें भूल जाता है। वह अपने शरीर पर टैटू गुदवाकर अपनी प्रेमिका के हत्यारों का पता लगाने की कोशिश करता है।
कार्तिक कॉलिंग कार्तिक: 2010
साल 2010 में फरहान अख्तर और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म 'कार्तिक कॉलिंग कार्तिक' भी मनोवैज्ञानिक थ्रिलर थी । इस फिल्म में फरहान ने ऐसे शख्स की भूमिका अदा की है, जो अपने बॉस से बहुत ज्यादा परेशान रहता है। एक दिन उसे एक अजनबी से फोन कॉल आता है, जो उसकी जिंदगी बदलने का वादा करता है। बता दें कि इस फिल्म का निर्देशन खुद फरहान अख्तर एवं रितेश सिधवानी ने किया है। हालांकि, ये फिल्म डर और अंजाम की तरह अपना जादू दर्शकों पर नहीं छोड़ सकी।
मदहोशी: 2004
बिपाशा बासु, जॉन अब्राहम, श्वेता तिवारी, और प्रियांशु चटर्जी स्टारर फिल्म मदहोशी भी बॉलीवुड साइक्लोजिकल थ्रिलर ड्रामा है, जिसे तनवीर खान डायरेक्ट किया था। इस फिल्म बिपाशा को ऐसा इंसान नजर आता है, जो असम में होता ही नहीं हैं। इस फिल्म में वो काल्पनिक तरीके से उसके साथ रहती भी है। कहानी कुछ ऐसी है कि अर्पित (प्रियांशु ) से सगाई होने के बावजूद अनुपमा (बिपाशा) को अजनबी अमन (जॉन) से प्यार हो जाता है। अनुपमा का परिवार अमन से मिलने का फैसला करता है, लेकिन वे यह जानकर हैरान है कि अमन नाम का कोई आदमी है ही नहीं।
रमन राघव: 2016
फिल्म 'रमन राघव 2.0' सीरियल किलर रमन राघव से प्रेरित कहानी थी, जिसने 60 के दशक में मुंबई में कई हत्याएं की थी। नवाजुद्दीन सिद्दीकी स्टारर ये फिल्म साल 2016 में रिलीज हुई थी, जिसे लोगों ने खूब पंसद किया। फिल्म की कहानी मानसिक रूप से विक्षिप्त सीरियल किलर के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म का निर्देशन अनुराग कश्यप ने किया था। ये फिल्म महज 3.5 करोड़ रुपये के बजट में बनकर तैयार हो गई थी।
एक विलेन: 2014
इस फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा, श्रद्धा कपर और रितेश देशमुख लीड रोल में हैं। मोहित सूरी के निर्देशन में बनी इस फिल्म को भी दर्शकों का खूब प्यार मिला। फिल्म में गुरु नाम के गैंगस्टर (सिद्धार्थ) को आयशा (श्रद्धा) से प्यार हो जाता है, जिसके बाद उसका जीवन बदल जाता है। वह खुद को भी बदलने का फैसला लेता है, लेकिन एक सीरियल किलर (रितेश) आतया की हत्या कर देता है। जिसके बाद गुरु और सीरियल किलर का आमना-सामना होता है।
गेम ओवर: 2019
इसी साल रिलीज हुई तापसी पन्नू स्टारर फिल्म गेमओवर भी साइकोथ्रिलर बेस्ड मूवी है, जिसे क्रिटिक्स ने खूब सराहा था। फिल्म के तापसी के किरदार को भी पसंद किया गया। फिल्म में तापसी पन्नू को एक व्हीलचेयर पर एक व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है, जो एक रहस्यमय इकाई से अपने घर का बचाव कर रही है।