इन बचत योजनाओं से बड़ा फायदा उठा सकते हैं वरिष्ठ नागरिक, जानिए कैसे
60 साल से कम उम्र के करदाताओं को एक वित्त वर्ष में ढाई लाख से कम आय पर आयकर में पूरी छूट मिलती है। वहीं, 60-80 वर्ष के वरिष्ठ नागरिकों को तीन लाख की आय में छूट दी जाती है।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में काफी छूट दी जाती है। बात चाहें आयकर की हो या फिर बचत योजनाओं की। वरिष्ठ नागरिकों को बचत योजनाओं में निवेश करने पर रियायत दी जाती हैं। इन बचत योजनाओं में सीनियर सिटीजन स्कीम, फिक्स्ड डिपॉजिट और प्रधानमंत्री वय वंदना योजना जैसी योजनाएं शामिल हैं। आपकों बताते हैं कि वो कौन सी योजनाएं हैं जिनके जरिए 60 साल या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति जिन्हें वरिष्ठ नागरिक कहा जाता है इनका लाभ उठा सकते हैं।
वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए उच्च छूट की सीमा करदाताओं की उम्र के हिसाब से उन्हें आयकर में अलग-अलग छूट दी जाती है। 60 साल से कम उम्र के करदाताओं को एक वित्त वर्ष में ढाई लाख से कम आय पर आयकर में पूरी छूट मिलती है। वहीं, 60-80 वर्ष के वरिष्ठ नागरिकों को तीन लाख की आय में छूट दी जाती है। 80 वर्ष से ऊपर अति वरिष्ठ नागरिकों की आयकर सीमा बढ़कर पांच लाख रुपये है।
60 वर्ष से नीचे के करदाताओं की तीन लाख से पांच लाख के बीच तक की आय पर पांच फीसदी आयकर लगता है। वहीं, 5 लाख से 10 लाख की आय पर 20 फीसदी की दर से आयकर देना होता है। अगर आय 10 लाख से ज्यादा होती है तो उन्हें 30 फीसदी की दर से आयकर देना होता है।
80 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों की 5 लाख से 10 लाख की आय पर 20 फीसदी आयकर लिया जाता है। सभी करदाताओं के लिए सेक्शन 87ए के तहत छूट का प्रावधान भी है। इसके अलावा, आयकर पर 4 प्रतिशत के स्वास्थ्य और शिक्षा सेस भी लिया जाता है। अगर आय 50 लाख से ज्यादा, लेकिन 1 करोड़ से कम है तो आयकर में 10 फीसदी सरचार्ज भी चुकाना पड़ता है। वहीं, 1 करोड़ से ज्यादा आय पर 15 फीसदी अतिरिक्त आयकर की राशि पर देना होता है।
बैंक फिक्सड डिपॉजिट (एफडी) पर अतिरिक्त ब्याज दर बैंक एफडी पर ब्याद दर कम हो रही हैं। ज्यादातर बैंक एफडी पर 6.5 फीसदी की दर से ब्याज दे रहे हैं। वहीं, छोटे बैंक बड़े बैंकों की तुलना में थोड़ा ज्यादा ब्याज दे रहे हैं। हालांकि, कई बैंक वरिष्ठ नागरिकों को 0.5 फीसदी अधिक ब्याज दे रहे हैं। नियमों के मुताबिक, जमाकर्ता की आयु के आधार पर वो जमा राशि की पूरी अवधि पर खुद की अतिरिक्त ब्याज दर के पात्र हो जाते हैं।
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम 60 साल से उससे अधिक उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) निवेश के लिहाज से काफी प्रचलित है। अगर कोई व्यक्ति 55 वर्ष या उससे ज्यादा है, लेकिन उसकी उम्र 60 साल से कम है तो वो सेवानिवृत्ति या वीआरएस के तहत रियाटरमेंट के बाद इसका लाभ उठा सकता है। मौजूदा वक्त में (1 जुलाई से 30 सितंबर 2019) तक SCSS पर सालाना 8.6 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। अपनी बचत के हिसाब से आप 500 रुपए से लेकर 15 लाख रुपए तक का निवेश कर सकते हैं। SCSS में पांच साल तक का निवेश किया जाता है, जिसे तीन साल के लिए और आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
जमा से ब्याज आय (सेक्शन 80 टीटीबी) वरिष्ठ नागरिकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट भी अच्छा विकल्प है। एफडी पर पूरे आश्वासन के साथ ब्याज मिलता है जो नियमित आय है। किसी भी बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक और पोस्ट ऑफिस पर जाकर एफडी कर सकते हैं। ऐसी आय पर टैक्स में छूट भी मिलती है। आयकरअधिनियम सेक्शन 80टीटीबी के तहत जमा राशि से अर्जित ब्याज आय कुल आय से कटौती के लिए योग्य है। सेक्शन 80 टीटीबी के अनुसार 1 अप्रैल 2018 से 60 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों के लिए 50 हजार रुपये की छूट का प्रावधान है।
जीवन पेंशन प्रमाण पत्र वर्तमान में, पेंशनभोगियों के हर साल नवंबर में पेंशन के लिए जीवन प्रमाण पत्र देना होता है। इस साल से सरकार ने इसमें कुछ बदलाव किया है। नए नियम के मुताबिक, 80 साल से ऊपर वरिष्ठ पेंशनभोगी अपना जीवन प्रमाण पत्र नवंबर की बजाय एक अक्टूबर से जमा करा सकते हैं। वहीं, 80 साल से नीचे उम्र वाले के पेंशनभोगियों को नवंबर में ही जीवन प्रमाण पत्र देना होगा।
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना प्रधानमंत्री वय वंदना योजना 60 वर्ष या उससे ऊपर की उम्रवालों के लिए है। इस योजना के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को मासिक पेंशन विकल्प चुनने पर 10 वर्षों के लिए 8% की गारंटीशुदा रिटर्न मिलती है। वहीं वार्षिक पेंशन विकल्प चुनने पर 10 वर्षों के लिए 8.3% की गारंटीशुदा रिटर्न मिलती है। इस स्कीम का लाभ 31 मार्च 2020 तक ही उठा सकते हैं।