गोरखपुर: जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन 26 जून को होगा. गोरखपुर में छह पर्चे बिके हैं. इसमें तीन पर्चे भाजपा उम्मीदवार, दो पर्चे सपा और एक पर्चा निर्दल प्रत्याशी ने खरीदा है. पंचायत चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं. कलेक्ट्रेट परिसर में पुलिस और पीएसी के जवानों की तैनाती के साथ बैरिकेटिंग भी की गई है. प्रत्याशी 29 तक नाम वापस ले सकते हैं. 3 जुलाई को चुनाव होगा और उसी दिन परिणाम की घोषणा भी कर दी जाएगी.
कलेक्ट्रेट में सुरक्षा बढ़ाई गई
गोरखपुर के कलेक्ट्रेट परिसर में पुलिस और पीएसी के जवानों की तैनाती की गई है. गोरखपुर के एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 26 जून को नामांकन होगा. इसके लिए पुलिस और पीएसी के जवानों की तैनाती परिसर में की गई है. उन्होंने बताया कि बेरिकेटिंग के साथ किसी भी तरह के अवांछित तत्वों की जांच की जा रही है. किसी भी अवांछित तत्व के घुसने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि, एसपी सिटी के नेतृत्व में एसपी ट्रैफिक, सीओ क्राइम, सीओ कोतवाली को सुरक्षा व्यवस्था के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है. किसी भी तरह के संदिग्ध व्यक्ति और वस्तु को ले जाने वालों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने बताया कि, एक कंपनी पीएसी की तैनाती की गई है. किसी भी तरह से लॉ एण्ड ऑर्डर को मेंटेन रखा जाएगा.
कल होगा नामांकन
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन 26 जून को सुबह 11 से दोपहर बाद तीन बजे तक होगा. उसी दिन नामांकन पत्रों की जांच भी होगी. नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं. अब तक तीन लोगों ने छह सेट में पर्चा खरीदा है. 29 जून को नाम वापस लिए जा सकेंगे और तीन जुलाई को मतदान होगा. उसी दिन शाम को नतीजे भी आ जाएंगे.
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अब तक भाजपा समर्पित साधना सिंह ने तीन सेट में, सपा के आलोक कुमार गुप्ता ने दो सेट और कैंपियरगंज के धर्मेंद्र यादव की ओर से एक सेट पर्चा खरीदा गया है. हालांकि नामांकन के दिन तक पर्चा खरीदा जा सकता है.
जिला पंचायत सदस्यों को मतदान के लिए इस बार मूल निर्वाचन प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य होगा. जिला प्रशासन ने छायाप्रति या बिना प्रमाण पत्र के वोट देने से रोकने का निर्णय लिया है. इससे पहले सूची में नाम देखकर सदस्य को मतदान के लिए अनुमति दे दी जाती रही है. मतदान और मतगणना की पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे में कैद होगी. अध्यक्ष पद के उम्मीदवार चार लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे. निर्वाचन आयोग की ओर से तैनात प्रेक्षक खर्च की निगरानी करेंगे. अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के कोर्ट में सारी प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है.
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