उत्तराखंड में मुसीबत बने पर्यटक, दो दिनों में सात हजार से ज्यादा लोगों को पुलिस ने लौटाया
पर्यटकों को मसूरी, नैनीताल, धनोल्टी का रुख ना करते हुए अन्य पर्यटन स्थलों पर जाने की सलाह दी गई है. दो दिनों में करीब सात हजार से ज्यादा पर्यटकों को वापस भेजा गया है.
देहरादून: उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों ने पुलिस विभाग की मुश्किलों में इजाफा किया हुआ है. एक तरफ जहां राज्य सरकार तीसरी कोरोना की लहर से बचने के लिए तमाम व्यवस्था कर रही है, तो ऐसे में बड़ी संख्या में उत्तराखंड पहुंच रहे पर्यटकों से तमाम देवभूमि के पर्यटक स्थल पर पटे पड़े हैं. यही वजह है कि लगातार बढ़ती पर्यटकों की संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पर्यटक स्थलों पर आने पर रोक लगा दी है.
इतना ही नहीं दो दिनों में करीब सात हजार से ज्यादा पर्यटकों को वापस भेजा गया है. साथ ही साथ बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों को मसूरी, नैनीताल, धनोल्टी का रुख ना करते हुए अन्य पर्यटन स्थलों पर जाने की सलाह दी गई है, ताकि बड़े पर्यटक स्थलों पर यात्रियों का दबाव कम रहे. लिहाजा एक तरफ जहां कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर अंदेशा जताया जा रहा है, तो वहीं अब देवभूमि में उमड़ती पर्यटकों की भीड़ सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है.
पुलिस ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है
पौड़ी जिले के लैंसडाउन, खिर्सू, चरेक समेत अन्य स्थानों पर रिसॉर्ट बने हुए हैं. जहां बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की आवाजाही अधिक रहती है. आज पौड़ी गढ़वाल की कोटद्वार कोतवाली पुलिस ने यूपी से सटे कौड़िया बैरियर पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है. कौड़िया बैरियर पर आज पर्यटकों की काफी भीड़ रही. इस दौरान बाहरी राज्य से आ रहे पर्यटकों की कौड़िया बैरियर से पहले काफी लंबी कतार लगी रही. लेकिन बिना आरटी पीसीआर रिपोर्ट के किसी भी पर्यटक को जिले में प्रवेश नहीं दिया गया और उन्हें वापिस कर दिया गया.
बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की भीड़ अधिक है लेकिन किसी भी पर्यटक को आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट के बिना नहीं भेजा जा रहा है. जिस पर्यटक के पास आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट होगी वही पर्यटक जिले में प्रवेश कर पाएगा. इस दौरान पर्यटकों के वाहनों की लगी भीड़ को काबू करने में अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर तैनात है. वहीं पर्यटकों का कहना है कि जब हमने ई-पास बनवा रखा है और वैक्सीन की पहली डोस भी लगवा ली है फिर भी हमारी आरटी पीसीआर रिपोर्ट देखी जा रही है और हमें आरटी पीसीआर रिपोर्ट के बिना एंट्री नहीं दी जा रही है. बेकार में पुलिस के द्वारा हमे परेशान किया जा रहा है.
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