वाराणसी में आयोजित एबीपी गंगा के खास कार्यक्रम 'टाउन हॉल' में काशी के विकास को लेकर हर पहलू पर चर्चा हुई। इस कार्यक्रम की शुरुआत में स्थानीय विधायक व उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रवींद्र जायसवाल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक अजय राय ने अपनी बात रखी। दोनों के बीच काशी के विकास पर तीखी बहस हुई। एक तरफ रवींद्र जायसवाल ने सरकार के काम गिनवाये तो दूसरी तरफ अजय राय ने कहा कि काशी में सड़कें खराब हैं और शहर का हाल बुरा है। काशी के विकास के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत काम किया। प्रदेश सरकार में मंत्री रवींद्र जायजवाल ने बड़ी बात कहते हुये कहा कि अगर सड़क पर मंदिर है तो उसे हटाना चाहिये। सड़क यातायात के लिये होती है।


जायसवाल ने कहा कि बाबा विश्वनाथ के लिये बनने वाले कॉरिडोर के लिये सरकार बहुत काम कर रही है। कॉरिडोर बनाने के लिये सरकार हर कदम उठा रही है। अजय राय ने कहा कि काशी की संस्कृति को पैसे से खरीदा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि काशी मंदिरों का शहर है।


रवींद्र जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में पीएम पद की शपथ लेने से पहले राष्ट्रपति से कहा कि वह काशी-विश्वनाथ के दर्शन और गंगा आरती करने के बाद ही शपथ लेंगे। उन्होंने कहा कि अब राहुल व प्रियंका गांधी भी मंदिर जाने के लिये मजबूर हैं। यही नहीं उन्होंने कांग्रेस पर टोपी और गमछे की राजनीति का आरोप लगाया। इसके जवाब में अजय राय ने कहा कि बनारस में टोपी भी रहेगी गमछा भी चलेगा। उन्होंने कहा कि बनारस गंगा-जमुनी तहजीब का शहर है। इस बयान के बाद जायसवाल और अजय राय के समर्थकों के बीच जबरदस्त नारेबाजी हुई। हालांकि इस बीच कार्यक्रम भी बाधित हुआ। एबीपी गंगा के संपादक राजकिशोर ने सभी से शांति बनाये रखने की अपील की।


विकास की बात पर रवींद्र जायसवाल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने 42 हजार करोड़ रुपये काशी के विकास के लिये दिये। इनमें सड़क,अस्पताल, शहर के सुन्दरीकरण में खर्च किये जा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कैंसर के इलाज के लिये लोगों को मुंबई जाना पड़ता था, अब शहर में दो कैंसर इंस्टीट्यूट हैं। वहीं अजय राय ने सवाल उठाये कि काशी के अंदर गंगा में नाले गिर रहे थे क्या वे बंद हुये, क्या शहर में जाम खत्म हुआ। कांग्रेस नेता अजय राय ने काशी के विकास के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया।