Trade Union Strike In Prayagraj: देश की दस बड़ी ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर तमाम कर्मचारी संगठनों की हड़ताल मंगलवार दूसरे दिन भी जारी है. कर्मचारियों की यह हड़ताल निजीकरण बंद किए जाने और पुरानी पेंशन बहाल किए जाने समेत 13 सूत्रीय मांगों को लेकर है. संगम नगरी प्रयागराज में इस हड़ताल का व्यापार तौर पर असर देखने को मिल रहा है. प्रयागराज में ज्यादातर बैंक, एलआईसी व पब्लिक सेक्टर के संस्थान पूरी तरह से बंद है. इन जगहों के ज्यादातर कर्मचारी कामकाज ठप कर हड़ताल पर है. कर्मचारी संगठन अपने दफ्तरों के बाहर इकट्ठे होकर प्रदर्शन व नारेबाजी कर रहे हैं.


इन मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे कर्मचारी

कर्मचारियों की मांगों में प्रमुख रूप से निजीकरण बंद किए जाने, कोरोना काल में बेरोजगार हुए कर्मचारियों को भत्ता दिए जाने और चारों श्रम संस्थाएं रद्द किए जाने की है. इसके साथ ही एनपीएस वापस लिए जाने और सभी के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किए जाने की मांग भी ये कर्मचारी कर रहे हैं. प्रयागराज में ज्यादातर बैंक व दूसरे संस्थान भी बंद है. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार को उनके आंदोलन के आगे झुकना पड़ेगा. जिस तरह किसानों की मांगे पूरी की गई है, उसी तरह मजबूर होकर कर्मचारियों की मांगे पूरी करनी पड़ेगी.


प्रयागराज रीजन में 200 करोड़ के लेन-देन का नुकसान


बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल से अकेले प्रयागराज रीजन में दो सौ करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ है. हड़ताल के समर्थन में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने धरना स्थल पत्थर गिरिजा घर से एजी आफिस तक जुलूस निकालकर भी प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार ने 2 दिनों के आंदोलन के बाद भी उनकी मांगे पूरी नहीं की तो वह नए सिरे से रणनीति बनाकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे. 


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