Noida News: नोएडा में अब नहीं लगा करेगा ट्रैफिक जाम! शहर के इन इलाकों को जल्द मिलेगी जाम की समस्या से छुट्टी
Noida में सात नई जगहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाएंगे. यहां के लोगों ने जाम की शिकायत की थी जिसे ध्यान में रखते हुए नोएडा प्राधिकरण ने यह फैसला किया है.
UP News: अगर आप नोएडा (Noida) में रहते है तो यह खबर आपके काम की है, क्योंकि अब नोएडा वालों को ट्रैफिक (Traffic) की समस्या से राहत मिलने वाली है. दिल्ली से सटे नोएडा में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है और लोग रोजाना इससे जूझते है ऐसे में नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) की ट्रैफिक सेल (Traffic Cell) लोगों को शहर में लगने वाले जाम से राहत देने वाली है. इसके लिए सात जगहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाएंगे. नोएडा प्राधिकरण के ट्रैफिक सेल ने इसको पुलिस और प्राधिकरण से पास भी करवा लिया है और अगले महीने तक इन सात जगहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगा दिए जाएंगे.
इन सेक्टरों में लगाए जाएंगे ट्रैफिक सिग्नल
इस बाबत नोएडा प्राधिकरण की ट्रैफिक सेल के अधिकारियों ने बताया गया कि शहर को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिए यह कदम उठाया गया है. अगस्त महीने के आखिर तक सभी ट्रैफिक सिग्नल काम भी करने लगेंगे. प्राधिकरण जल्द से जल्द इन सिग्नलों को चालू करवाना चाहता है यानी आने वाले डेढ़ महीने में लोगों को राहत मिल जाएगी. प्राधिकरण की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 7 जगहों पर सिग्नल लगाए जाएंगे. नोएडा सेक्टर 26, 37, 65,68, 70,77, 79, 92-93ए और सेक्टर121 में सिग्नल लगाए जाएंगे.
लोगों की शिकायत पर किया जाएगा काम
दरअसल, जिन सेक्टरों पर सिग्नल लगाने का काम किया जाएगा वहां के लोगों ने जाम लगने की शिकायत की थी जिसके बाद यह सिग्नल लगाए जाएंगे. बता दें सिग्नल लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. आने वाले 15 से 20 दिनों में यह टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और फिर अगले महीने के अंत तक सिग्नल लगाने का काम भी हो जाएगा. फिलहाल इन जगहों पर जाम की स्थिति बनी रहती है. इतना ही नहीं कई बार यहां हादसे भी हो गए हैं. इसकी वजह इन चौराहों से रोजाना बड़ी तादाद में वाहनों का आवागमन है.
सिग्नल लगाने पर आएगा यह खर्च
वहीं, अगर इसको लगाने के खर्च की बात करें तो इसमें लगभग 70 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे. जो कंपनी यह सिग्नल लगाने का टेंडर लेगी उसे अगले एक साल तक उन्हें इन सिग्नलों का रखरखाव करना होगा, और अगर इसमें कोई खराबी आती है या फिर तकनीकी समस्या आती है तो टेंडर लेने वाली कंपनी ही उसे दूर करेगी. इसके बाद यह सिग्नल प्राधिकरण को दे दिया जाएगा और फिर प्राधिकरण आगे इसकी देखरेख करेगी.
ये भी पढ़ें -