देहरादून, एबीपी गंगा। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद उत्तराखंड में कई मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। इसके अलावा चार धाम के इस प्रदेश में पांचवें धाम को लेकर भी सियासत गर्म है। साथ ही उत्तराखंड से पलायन भी यहां की सरकारों के लिए चिंता का विषय रहा है। इन सब मुद्दों को लेकर एबीपी गंगा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की। रावत ने इन सवालों के बेबाकी से जवाब तो दिए ही साथ ही ये भी बताया कि राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा मंत्रियों के बदलने की चर्चा में कितना दम है।


मुख्यमंत्री रावत, लोकसभा चुनाव में 2014 के नतीजों को दोहराए जाने को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब उत्तराखंड की पहचान सिर्फ भ्रष्टाचार फैले प्रदेश के रूप में थी लेकिन आज स्थिति बदल गई हैं। आज सरकार भ्रष्टाचार से मुक्त है और विकास के प्रति जवाबदेह है। उन्होंने कहा कि जब भी उत्तराखंड की मौजूदा सत्ताधारी पार्टी को जनता के बीच चुनाव में जाने का मौका मिला तो जनता ने पूरा विश्वास जताया है।


नौकरशाही की समस्या को लेकर सीएम रावत ने कहा कि उन्होंने ट्रांसफर पोस्टिंग के 'धंधे' को पूरी तरह बंद कर दिया है और पुलिस विभाग में भी कंपल्सिव करप्शन खत्म करने की दिशा में कदम उठाए हैं। इसके लिए सरकार ने अलग से फंड का भी इंतजाम किया है। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड के दो थाने देश के टॉप टेन थानों में शुमार हो चुके हैं।


प्रदेश में निवेश को लेकर सीएम ने कहा कि पिछले साल हुए समिट में 1 लाख 24 हजार करोड़ से ज्यादा के एमओयू साइन हुए। इसमें से अकेले 40 हजार करोड़ रुपया पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों के लिए हुआ है। सीएम ने बताया कि पिछले साढ़े चार महीनों में साढ़े तेरह हजार करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट आ चुका है। उन्होंने दावा किया कि जितना कुल निवेश राज्य के निर्माण के बाद से अब तक आया है, उतना पिछले साढ़े चार महीनों में आया है।


कांग्रेस नेताओं को पार्टी में समाहित करने और उन्हें भाजपा की संस्कृति के मुताबिक ढालने के सवाल पर रावत ने कहा कि कुछ लोगों में बहुत बड़ा बदलाव आया है और ज्यादातर लोग अब भाजपा के साथ समरस हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जिनके कोने बचे हैं, वे घिस जाएंगे और सब ठीक हो जाएगा। रावत ने कहा कि अब ये पार्टी तो गंगा है तो गंगा में आने पर सबको गंगामय हो जाना चाहिए।


पलायन को लेकर उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने पलायन के कारण जानने के लिए पहाड़ी स्थितियों को समझने वाले लोगों का पैनल बनाया और इसके कारणों की समीक्षा की। जिसके बाद उन्होंने राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्रों में बदलाव किए। आयुष्मान भारत के अलावा प्रदेश में शिक्षा का स्तर बाकी देश के समान बनाने के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू की हैं। इसके अलावा हमने देवभोग प्रसाद के जरिए लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने की योजना पर भी काम किया है।


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राजनीतिक चर्चा का विषय रहे शौर्य धाम को लेकर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के करीब 16 फीसदी से अधिक लोग सैन्य और अर्धसैनिक बलों में हैं। ऐसे में उन्हें प्रधानमंत्री के कहने के बाद विचार आया कि यहां शहीदों का एक स्मारक बनना चाहिए जो जीवंत हो और इसे पंचम धाम का दर्जा मिले।


मंत्रीमंडल में फेरबदल करने की चर्चाओं को लेकर सीएम रावत ने खुलासा किया कि वे मंत्रीमंडल तो फेरबदल नहीं चाहते लेकिन विभागों को जरूर पुनर्गठित करना चाहते हैं। रावत ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद वे इस दिशा में काम करने की सोच रहे हैं।