लखनऊ, अनुभव शुक्ला। देश मे भले ही लॉकडाउन जारी हो, लेकिन अगर कहीं आप लखनऊ कानपुर हाईवे पर आ गए तो यहां की तस्वीर देखकर आपको यकीन नहीं होगा कि लॉकडाउन अभी 17 मई तक जारी है। यहां आपको ट्रकों, छोटे टेम्पो और जीप में भर भर कर मजदूर पूर्वांचल के जिलों में जाते दिख जाएंगे। इसमें ना कोई सोशल डिस्टेंसिग को फॉलो कर रहा है, ना ही मास्क का इस्तेमाल। ज्यादातर गाड़ियां महाराष्ट्र नंबर की हैं, इनमें सवार प्रवासी कामगारों का कहना है कि वहां ना खाने का इंतजाम था ना कोई और व्यवस्था इसलिए अब ये अपने जिलों में वापस जा रहे है। एबीपी संवाददाता ने ग्राउंड जीरो पर जाकर इसका हाल देखा।
ट्रक में सवार जब इन मजदूरों से बात की गई तो उनका कहना है कि उन्हें वहां की सरकार ने भी रोकने की कोई पहल नहीं की, और ना ही कोई इंतजाम किया। ना तो यूपी लौट रहे इन मजदूरों को वहां क्वारंटीन सेन्टर में रखा गया और ना ही इनकी जांच हुई है। ये तो हताश निराश होकर वापस लौट रहे हैं और किराया देकर जा रहे हैं। जाहिर है महाराष्ट्र से जहां पूरे देश मे कोरोना के मामले सबसे ज्यादा हैं, वहाँ से मज़दूरों का पलायन उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़े खतरे की घंटी है।
लॉकडाउन 3 में केंद्र और राज्य सरकार ने कुछ शर्तों के साथ छूट जरूर दी है, लेकिन ये छूट मालवाहक गाड़ियों पर है ना की उसमे सवार ढोकर लाने के लिए, और तो और कहीं पुलिस ने भी इन्हें रोककर पूछताछ करनी जरूरी नहीं समझी। टोल प्लाजा पर भी जांच नहीं हो रही है, बस पुलिस आने वाली गाड़ियों का नंबर नोट करके अपने काम की इतिश्री कर रही है। एबीपी गंगा ने जब टोल पर मौजूद पुलिसकर्मी से बात की तो उनका कहना था कि इस तरह के निर्देश नहीं मिले हैं कि किसी को रोकना है।