Noida News: भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने देश में ट्रक चालकों की हड़ताल का समर्थन करते हुए मंगलवार को कहा कि जब हितधारकों के साथ सलाह-मशविरे के बिना कानून बनाए जाते हैं, तो उन्हें विरोध का सामना करना ही पड़ता है. बीकेयू नेता ने भारतीय न्याय संहिता में ‘हिट-एंड-रन’ (सड़क दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाना) मामलों के लिए नए दंड प्रावधान को 'काला कानून' करार दिया . इस प्रावधान का कई राज्यों में ट्रक चालकों ने विरोध किया है.
किसान नेता ने कहा कि अगर कोई दुर्घटना में घायल हो जाता है, तो उसे अस्पताल ले जाना चाहिए, लेकिन जब चालक भाग जाते हैं, तो वे खुद को भीड़ से बचाने के लिए ऐसा करते हैं. टिकैत ने एक वीडियो में कहा, “ या तो भीड़ उसे मार डालेगी या कानून उसे मार डालेगा. यदि बिना परामर्श के कुछ किया जाता है तो उसे विरोध का सामना करना ही पड़ता है. हम सब उनके (ड्राइवरों के) साथ हैं. संघ (बीकेयू) उनके साथ है क्योंकि ये लोग ग्रामीण, किसान, आदिवासी परिवारों से हैं. वे गरीब लोग हैं जो आजीविका कमाने के लिए अपने घरों से दूर काम करते हैं.”
बताया काला कानून
उनकी वीडियो को बीकेयू के राज्य युवा अध्यक्ष अनुज सिंह के सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के पेज पर पोस्ट किया गया है. टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार का 'काला कानून' देश में छोटे परिवहकों को 'खत्म' कर देगा. उन्होंने कहा कि आज कार मालिक इस बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं. क्या यह कानून उन पर लागू नहीं होगा? यह कानून उन पर भी लागू होगा और क्या वे बाद में ही जागेंगे.
औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.
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