नई दिल्ली, एबीपी गंगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी वाइफ मेलानिया ट्रंप के साथ आज भारत दौरे पर आ रहे हैं। विश्व के सबसे ताकतवार देश के राष्ट्रपति होने के बाद ट्रंप की सुरक्षा को लेकर कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। ट्रंप का काफिल एक चलता-फिरता किला जैसा होगा। ट्रंप के महज 38 घंटे के भारत दौरे की तैयारियों को लेकर खुर्च किया जा रहा पैसा जानकर कोई भी चौंक सकता है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया है कि भारत यात्रा के दौरान ट्रंप की सुरक्षा में अमेरिका रोजाना करीब 1500 करोड़ रुपये खर्च करेगा।हालांकि, अमेरिकी प्रशासन ने ट्रंप के भारत दौरे पर खर्च के आधिकारिक आंकड़ों को जारी नहीं किया है।


ट्रंप अपने विशेष विमान एयरफोर्स वन में सवार होकर भारत आ रहे हैं। इसके अलावा, कुछ किलोमीटर की जमीनी और हवाई यात्रा के लिए उनकी स्पेशल कार 'बीस्ट' और 'मरीन वन' हेलिकाप्टर भी स्पेशल मालवाहक विमानों के माध्यम से सात समंदर पार भारत आ रहे हैं। अपनी यात्रा के दौरान ट्रंप अपने वाहनों का इस्तेमाल करेंगे। वो किसी और वाहन में सवार नहीं होंगे। स्पेशल कार और हेलीकॉप्टर के अलावा पांच सी-17 ग्लोबमास्टर हरकुलिस मालवाहक विमानों के जरिए सुरक्षा और खुफिया तंत्र के तमाम उपकरण भी भारत पहुंच चुके हैं।


जानिए ट्रंप के काफिले की सुरक्षा की खूबियां



एयरफोर्स वन
एयरफोर्स वन, वो विमान है, जिसपर सवार होकर ट्रंप भारत आएंगे। विश्व के सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले इस बोइंग 747-200बी श्रेणी के इस विमान को आप चलता फिरता व्हाइट हाउस भी कह सकते हैं। क्योंकि ऐसी कोई भी सुविधा नहीं है, तो जिस विमान में न हो। आधुनिकतम सुरक्षा और संचार साधनों से लैस इस विमान में हवा में ईंधन भरने की क्षमता है। साथ ही, रेंज की समस्या के बिना ये विमान कई घंटे तक लगातार हवा में रह सकता है। विमान के अंदर ही राष्ट्रपति के लिए कार्यालय और विश्राम कक्ष भी हैं। जरूरत पड़ने पर हर सुविधा से युक्त ऑपरेशन थिएटर तक भी है। सबसे खास बात ये है कि ये विमान हवा में अकेला नहीं उठता, बल्कि दुश्मन को चमका देने के लिए हूबहू दूसरा विमान (क्लोन विमान भी कह सकते हैं) भी हवा में रहता है।



बीस्ट
बीस्ट कार की कीमत 15 लाख डॉलर यानी करीब 11 करोड़ रुपए है, राष्ट्रपति सड़क यात्रा के लिए ऐसे दो कैडिलेक लिमोजिन कारें भारत आ रही हैं। इस कार पर किसी भी परमाणु-रासायनिक हमले का कोई असर नहीं पड़ेगा। ये सभी सुरक्षा और संचार उपकरणों से लैस हैं। ये किसी को भी नहीं पता होता है कि इन दोनों कारों में से किस में राष्ट्रपति सवार होंगे। अंतिम समय में सीक्रेट सर्विस के एजेंट इसे तय करते हैं कि राष्ट्रपति किस कार में सवार होंगे। दुनिया के किसी भी हिस्से में सड़क यात्रा के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति इसी कार का इस्तेमाल करते हैं।



मरीन वन हेलीकाप्टर
राष्ट्रपति की हवाई यात्रा के लिए भारत आ रहा मरीन वन हेलीकॉप्टर भी मिसाइल चेतावनी प्रणाली और हर तरह के हमलों से निपटने के लिए सक्षम हैं। ये हेलीकॉप्टर संचार की सभी सुविधाओं से लैस हैं। 225 किमी प्रति घंटा की स्पीड से उड़ने वाला ये हेलीकॉप्टर इसलिए खास हैं, क्योंकि ये अपने तीन इंजन में से एक खराब हो जाने के बाद भी उड़ान भरने में सक्षम है। इसमें एक साथ 14 यात्री सवार हो सकते हैं। राष्ट्रपति की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनकी हवाई यात्रा के दौरान हूबहू ऐसा ही दूसरा हेलिकाप्टर भी हवा में साथ मौजूद रहता है।


शेवरले सब अर्बन
राष्ट्रपति की बीस्ट कार के पीछे रहती है शेवरले सब अर्बन कार, जो पूरी तरह बुलेट प्रूफ होती है। राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात सीक्रेट सर्विस के एजेंट इसी कार में मौजूद होते हैं। साथ ही इस कार में डॉक्टर समेत तमाम आधुनिकतम हथियार, सुरक्षा उपकरण और चिकित्सा उपकरण भी मौजूद होते हैं।


रोड रनर
राष्ट्रपति के काफिले में किसी तरह की खलल न पड़े, सुरक्षित संचार प्रणासी रहे और जैमर सुविधा देने का काम रोड रनर देता है। ये राष्ट्रपति और उनकी टीम को सीधे और छोटे एंटीना व डोम के जरिए उपग्रह के माध्यम से सभी तरह के ऑडियो-वीडियो संचार की सुविधा देता है। खास बात ये है कि ये संचार सुविधा सांकेतिक भाषा में दी जाती है।


सपोर्ट वाहन
सपोर्ट वाहन में कैबिनेट के सहयोगियों की गाड़ियां होती है। डॉक्टरों की सर्वसुविधा युक्त एंबुलेंस होती हैं और अग्रिनशमन दस्ते के वाहन शामिल होते हैं। सपोर्ट वाहन में विशेष रूप से रक्षा ट्रक शामिल होते हैं, जोकि किसी भी तरह के हमले का जवाब देने में सक्षम है।


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