देहरादून,एबीपी गंगा। उत्तराखंड भाजपा के दो विधायकों कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और देशराज कर्णवाल का झगड़ा आज अचानक समाप्त हो गया। एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत दोनों विधायक आज सुबह ही मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और प्रदेश भाजपा महामंत्री नरेश बंसल उनका इंतज़ार कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने दोनों की पंचायत लगाकर झगड़ा खत्म करा दिया और दोनों ही विधायकों ने अपने गिले-शिकवे दूर किये। अब तय हो गया है कि दोनों ही एक दूसरे के खिलाफ न तो कोई काम करेंगे और ना ही आरोप प्रत्यारोप की राजनीति करेंगे। खास बात यह रही कि अब पार्टी के इन विधायकों को अनुशासनहीनता के लिए जारी किये गए नोटिस का भी जवाब नहीं देना पड़ेगा। हालांकि जिस तरह से प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट इस मामले से दूर ही रहे वह एक तरह से संशय की स्थिति पैदा कर रहा है। झगडे के निबटने की सूचना भी प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने दी।


राष्ट्रपिता पर भी किया था प्रणव ने हमला


विधायकों की अनुशासनहीनता रोकने में जुटी भाजपा को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। नोटिस मिले अभी कुछ ही घंटे हुए थे कि खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ऐसे बहके कि महात्मा गांधी पर भी गंभीर लगा दिए और उनके स्थान पर भीमराव अंबेडकर को राष्ट्रपिता की उपाधि देने की बात करने लगे। उन्होंने केंद्र से मांग कर डाली कि अंबेडकर को राष्ट्रपिता की उपाधि देने के लिए संविधान में प्रावधान किया जाय। इसके आलावा उन्होंने विधायक के साथ चल रही लड़ाई को रोकने के बजाय आगे बढ़ने का काम करते हुए उसे आज फिर अनपढ़ और जाहिल कह डाला। यह हाल तब है जब पार्टी ने एक दिन पहले ही कुंवर प्रणव को अनुशासनहीनता के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया था।


विधायक कुंवर प्रणव सिंह ने आज अपनी पार्टी के विधायक देशराज कर्णवाल के साथ ही महात्मा गांधी पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वास्तव में राष्ट्रपिता की उपाधि गांधी को नहीं बल्कि भीमराव अंबेडकर को मिलनी चाहिए। गांधी ने ऐसा कुछ किया ही नहीं जो यह उपाधि उन्हें दी जाय। देश आजाद कराने में सुभाष चंद्र बोस की बड़ी भूमिका थी।


देशराज पहले बैकफुट पर आ गए थे


विधायक चैंपियन ने अपनी ही पार्टी के विधायक देशराज कर्णवाल पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी अपराधी है और देशराज अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर विधायक बन गए। जिस अंबेडकर के नाम पर विधायक बने फर्जी प्रमाण पात्र बनवाकर उन्हीं के बनाये संविधान का खुला उल्लंघन किया है। विधायक प्रणव आज ही मुख्यमंत्री से मिले और इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की और यह भी कहा कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे हाई कोर्ट जायेंगे।


पार्टी के दूसरे नेता भी कूदे थे जंग में


विधायकों को नोटिस जारी करने के साथ ही कुछ और नेता इस जंग में कूद पड़े। भाजपा नेता कुलबीर सिंह ने खानपुर से भाजपा विधायक पर तगड़ा हमला बोला और कहा कि इनके डीएनए में गड़बड़ है और चैंपियन के पूर्वजों की कोई रियासत नहीं बल्कि जमींदारी थी। उधर, चैंपियन ने कुलबीर को जुबान संभालकर बात करने की चेतावनी देने के साथ ही यहां तक कहा कि उन्हें देहरादून, हरिद्वार और मुज़फ्फरनगर के गजेटियर को ध्यान से पढ़े।



अनुशासन का पाठ पढ़ाती रही पार्टी


हमेशा खुद को अनुशासित पार्टी कहते नहीं थकती, लेकिन उत्तराखंड में उसके दो विधायक पिछले एक महीने से अनुशासनहीनता के हदें पार करते चले आ रहे हैं और पार्टी नसीहत देने से आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। बीजेपी अपने कार्यकताओं, नेताओ को अनुशासन का पाठ पढाती है और अनुशासन में रहने की बात करती है। लेकिन इस वक्त हरिद्वार जिले के दो विधायकों के बीच छिड़ी जुबानी जंग पार्टी की छवि को बदरंग कर रही है। दोनों की शुरुआत अपनी पत्नियों को हरिद्वार लोकसभा सीट से पार्टी का टिकट दिलाने को लेकर हुई। और शुरू भी ऐसी हुई कि सारी मर्यादाएं तार तार होती दिखी।