लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों पर होने वाला चुनाव काफी रोचक स्थिति में पहुंच गया है. नामांकन के आखिरी दिन निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सपा समर्थित उम्मीदवार ने अपना नामांकन कर दसवीं सीट पर पेंच फंसा दिया है. अब 10 सीट पर 11 उम्मीदवार आ जाने से इस चुनाव में ट्विस्ट आ गया है. इससे पहले आज सुबह बीजेपी के 8 उम्मीदवारों ने विधानसभा में अपना नामांकन दाखिल किया.


बीजेपी उम्मीदवारों ने किया नामांकन
9 नवंबर को उत्तर प्रदेश में होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए आज नामांकन का आखिरी दिन था. जैसा कि बीजेपी ने कल ही लिस्ट जारी कर ये बता दिया था कि वो इन चुनावों में अपने 8 उम्मीदवार ही उतारेगी. आज बीजेपी की तरफ से सभी 8 उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल करने के लिए विधानसभा पहुंचे. प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ बीजेपी कार्यालय से उम्मीदवार पैदल ही विधान भवन पहुंचे नामांकन के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी विधानसभा के सेंट्रल हॉल में मौजूद रहे. वही, एबीपी गंगा से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अपने सभी 8 उम्मीदवारों की जीत का दावा किया.


ये हैं बीजेपी के उम्मीदवार
बीजेपी की तरफ से आज जिन उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया है उसमें तीन उम्मीदवार पहले से ही राज्यसभा सदस्य हैं और पार्टी ने उन्हें कंटीन्यू किया है. इनमें केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर शामिल हैं. वहीं, बीजेपी ने जिन दो ब्राह्मण चेहरों को उम्मीदवार बनाया है उनमें हरिद्वार दुबे और और पूर्व विधायक डॉ सीमा द्विवेदी शामिल हैं साथ ही पिछड़ी जाति से आने वाले दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बीएल वर्मा और डॉ गीता शाक्य ने भी अपना नामांकन दाखिल किया और दलित चेहरे के तौर पर बीजेपी यूपी के डीजीपी राज्यसभा भेज रही है.


निर्दलीय उम्मीदवार ने दाखिल किया नामांकन
सुबह ये चर्चा थी कि दिवंगत कांग्रेसी नेता डॉक्टर अखिलेश दास की पत्नी अलका दास ने भी नामांकन पत्र खरीदा है लेकिन उन्होंने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया. जब दोपहर के तीन बजे नामांकन का वक्त खत्म हो रहा था तभी एक निर्दलीय उम्मीदवार वाराणसी के रहने वाले प्रकाश बजाज सपा के समर्थन से अपना नामांकन दाखिल करने पहुंच जाते हैं और नामांकन कर देते हैं. उनके नामांकन करने के बाद अब यह चुनाव काफी रोचक हो गया है क्योंकि दसवीं सीट पर पेंच फंस गया है.


9 नवंबर को होंगे चुनाव
10 सीट के लिए 11 उम्मीदवार अब मैदान में हैं. ऐसी स्थिति में अब 9 नवंबर को चुनाव होंगे और जीत के लिए पर्याप्त संख्या बल बीएसपी के पास नहीं है ऐसे में यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है कि क्या बीएसपी अपने उम्मीदवार को राज्यसभा पहुंचाने के लिए बीजेपी का साथ लेगी या फिर सपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार वोटों सियासी गणित अपने पक्ष में कर पाएगा. हालांकि, अभी सभी नामांकन पत्रों की स्कूटनी बुधवार को होगी और अगर किसी भी प्रत्याशी का पर्चा खारिज नहीं होगा तब 9 नवंबर को 10 सीटों के लिए चुनाव होंगे.



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