Manish Gupta Murder Case: कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में और दो आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों में एक दारोगा राहुल दुबे और सिपाही प्रशांत कुमार है. गोरखपुर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया गया जहां से इन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. दोनों आरोपियों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था. इससे पहले दो मुख्‍य आरोपियों प्रभारी निरीक्षक रहे जेएन सिंह और चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा को 10 अक्‍टूबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. अब इस मामले में दो आरोपी उप निरीक्षक विजय यादव और आरक्षी कमलेश कुमार की गिरफ्तारी होना बाकी है. 


सवा तीन घंटे चली पूछताछ
बीती शाम 5 बजे गिरफ्तार हुए दारोगा राहुल दुबे और सिपाही प्रशांत कुमार को रामगढ़ताल थाना लाया गया. यहां उनके साथ सवा तीन घंटे तक पूछताछ चली. रात 8.25 बजे दोनों आरोपियों को मीडिया से बचाते हुए फिल्‍मी अंदाज में कोर्ट लाया गया. गोरखपुर के दीवानी न्‍यायालय के अपर मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट राहुल सिंह की कोर्ट में दोनों आरोपियों को पेश किया गया. जहां से रात 9.30 बजे उन्‍हें 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.


पुलिस ने माना हत्या हुई थी
पहले दिन से ही हत्‍या को हादसा साबित करने के और दोषी पुलिसकर्मियों को बचाने की नाकाम कोशिश करने वाले गोरखपुर पुलिस-प्रशासन के आलाधिकारी और पुलिसवालों ने आखिरकार घटना के 16वें दिन ये मान लिया कि मनीष गुप्‍ता की मौत दुर्घटना नहीं बल्कि हत्‍या है. 10 अ‍क्‍टूबर को जारी प्रेस नोट में जहां पुलिस ने उन्‍हे अभियुक्‍त तो माना, लेकिन वांछित बताया था. किस मामले में वांछित हैं इसका जिक्र नहीं किया था. 12 अक्टूबर को दारोगा राहुल दुबे और कांस्‍टेबल प्रशांत कुमार की गिरफ्तारी के बाद जारी प्रेसनोट में गोरखपुर पुलिस ने ऊपर दी गई हेडिंग में ही ये मान लिया कि उनकी हत्‍या हुई थी.



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