उत्तराखंड त्रासदीः गोरखपुर के दो चचेरे भाइयों समेत तीन लापता, घरवालों की टूटी उम्मीद!
उत्तराखंड के चमोली में आई त्रासदी में गोरखपुर के दो चचेरे भाई लापता हैं. इनके अलावा एक अन्य के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है. फिलहाल पुलिस प्रशासन लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहा है.
गोरखपुर: उत्तराखंड त्रासदी में बहुत से लोगों के परिवार उजड़ गए. किसी ने अपने भाई को खो दिया तो कोई बूढ़ी आंखे कातर निगाहों से बेटे की फोटो को निहार रही हैं. लेकिन, इस तबाही में अपनों की वापसी की उम्मीद की रोशनी आंखों में नहीं बची है. गोरखपुर के तीन ऐसे परिवार जिलाधिकारी और आपदा प्रबंधन कार्यालय पर पहुंचे, जिनके परिवार को कोई सदस्य का इस आपदा के बाद से कोई पता नहीं है.
आपस में रिश्तेदार हैं तीनों
गोरखपुर के रहने वाले तीन मजदूर उत्तराखंड त्रासदी में लापता हो गए हैं. गोरखपुर के ग्राम गौराखास पोस्ट जगतबेला के 36 वर्षीय धनुषधारी सिंह पुत्र रामललित, गोरखपुर के गौराखास जगतबेला के 22 वर्षीय वेद प्रकाश पुत्र राजेन्द्र सिंह और गोरखपुर के सहजनवां के डोहरिया बाजार के बुढियाबारी के रहने वाले 22 वर्षीय नागेन्द्र सिंह पुत्र प्रेम इस आपदा के बाद से लापता हैं. लापता धनुषधारी सिंह, वेद प्रकाश और नागेन्द्र आपस में रिश्तेदार हैं. वे जोशीमठ तपोवन में एनटीपीसी में एक फर्म के माध्यम से मजदूरी का काम करते रहे हैं.
नहीं लग रहा मोबाइल
गोरखपुर के ग्राम गौराखास पोस्ट जगतबेला के 36 वर्षीय धनुषधारी सिंह के बड़े भाई चक्रधारी के परिवार दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है. वे बताते हैं कि उनका छोटे भाई एक साल पहले जोशीमठ तपोवन में काम करते थे. होम मेटल कंपनी की ओर से एसनटीपीसी में काम कर रहे थें. धनुषधारी के दो बच्चे हैं. उनका परिवार घर पर रहता है. साल भर पहले दूसरी कंपनी में काम करते रहे हैं. वे जिलाधिकारी के यहां उनके लापता होने की जानकारी देने के लिए आए हैं. चक्रधारी सिंह की उम्मीद टूट गई है. वे कहते हैं कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि अब उनका भाई वापस आएगा. उनका मोबाइल भी नहीं लग रहा है.
वेल्डिंग का काम करते थे वेद प्रकाश
गोरखपुर के गौराखास जगतबेला के 22 वर्षीय वेद प्रकाश का भी इस त्रासदी में कुछ पता नहीं चल पा रहा है. उनके पिता राजेन्द्र सिंह जिलाधिकारी के यहां आए हैं. राजेन्द्र चक्रधारी के चाचा हैं. वे बताते हैं कि दो महीने पहले ही वेद प्रकाश काम करने गए थे. वे तपोवन में धुनषधारी के साथ ही वेल्डिंग का काम करते रहे हैं. वे बताते हैं कि मोबाइल पर घंटी नहीं जा रही है. वेद प्रकाश की शादी नहीं हुई थी. वेद प्रकाश पांच बहनों के बीच इकलौता भाई रहा है. उसके लापता होने से परिवार में मातम पसर गया है.
संपर्क की कोशिश में जुटा है प्रशासन
गोरखपुर के सहजनवां के डोहरिया बाजार के बुढियाबारी के रहने वाले 22 वर्षीय नागेन्द्र सिंह दो भाईयों और तीन बहनों के बीच सबसे छोटे रहे हैं. वे भी इस आपदा में लापता हैं. उनके भाई महेन्द्र सिंह जिलाधिकारी कार्यालय पर उनके लापता होने की सूचना देने के लिए आए हैं. वे बताते हैं कि वे लापता हुए धनुषधारी के साले है. उनके भाई भी जोशीमठ तपोवन में काम करता था. वे बताते हैं कि वे वेल्डर का काम करते रहे हैं. सालभर से वे वहां पर हैं. उनकी शादी नहीं हुई थी. वे बताते हैं कि उनका कुछ पता नहीं चल पाया है. उनके मोबाइल पर घंटी जा रही है. लेकिन, कॉल रिसीव नहीं हुई है. वे बताते हैं कि जिलाधिकारी ने शाम 7 बजे तक जानकारी देने की बात कही है.
गोरखपुर के जिलाधिकारी के. विजयेन्द्र पाण्डियन ने बताया कि तीन लोग लापता हैं. धनुषधारी, वेद प्रकाश और नागेन्द्र का पता नहीं चला रहा है. ये तीनों ओंकार मेटल एनटीपीसी की कंपनी के लिए काम कर रहे थे. उनके बारे में जानकारी ली जा रही है. उम्मीद करते हैं कि उनकी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ हो. वे बताते हैं कि उनके बारे में जानकारी हासिल की जा रही है. परिजनों से लगातार संपर्क कर रहे हैं. शाम तक इनकी जानकारी नहीं मिलती है, तो वहां के प्रशासन से संपर्क करेंगे.
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