बैंक की दो दिवसीय हड़ताल का कोराबार पर असर, बैंककर्मियों ने दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी
निजीकरण के विरोध में बैंककर्मियों ने दो दिवसीय हड़ताल की थी. जिसका सबसे बड़ा असर कारोबार पर देखने को मिला. गोरखपुर मंडल के 10 राष्ट्रीयकृत बैंकों के 1500 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है.
गोरखपुरः निजीकरण के विरोध में बैंककर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल का खासा असर कारोबार पर पड़ा है. हड़ताल के दूसरे दिन बैंककर्मियों ने सभा कर सरकार के निजीकरण की नीतियों का विरोध किया. दो दिन की हड़ताल से गोरखपुर मंडल के 10 राष्ट्रीयकृत बैंकों के 1500 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है.
कर्मियों ने कहा कि निजीकरण का असर उनके साथ उनके परिवार पर भी पड़ेगा. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा. इसके साथ ही आने वाले समय में बैंकों के निजीकरण की वजह से रोजगार की तलाश में बैंक की परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को भी झटका लगेगा. दो दिवसीय हड़ताल के दौरान कर्मियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो वे और अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
बैंककर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल
गोरखपुर के बैंक रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा पर धरने पर बैठे बैंक कर्मियों को उनके नेताओं ने संबोधित किया. बैंककर्मियों की हड़ताल के दूसरे दिन धरना दे रहे कर्मियों ने कहा कि वे अभी निजीकरण के विरोध में दो दिवसीय धरने पर हैं. इसके बावजूद सरकार ने उनकी मांग को नहीं माना, तो वे अनिश्चित काल के लिए हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार की तानशाही को वे नहीं चलने देंगे. अन्य क्षेत्रों के साथ बैंकों के निजीकरण का सरकार का फैसला गलत है. वे इसका विरोध करते हैं. यही वजह है कि पूरे देश में 10 लाख कर्मचारी इस दो दिवसीय हड़ताल से जुड़े हैं.
10 राष्ट्रीयकृत बैंकों ने की हड़ताल
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले सभी 10 राष्ट्रीयकृत बैंकों के दो दिवसीय हड़ताल का मंगलवार को दूसरा दिन था. एसबीआई मुख्य शाखा पर चल रहे धरना स्थल पर एसबीआई के सीनियर एसोसिएट और स्टाफ एसोशिएशन के असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी एसपी त्रिपाठी ने कहा कि 'उनकी मुख्य मांग सरकार के निजीकरण के कुटिल रवैये के विरोध में हो रहा है. कई महीने से वार्ता विफल हो रही है. बैंक की संपत्ति जनता की संपत्ति है. ये प्राइवेट हाथों में जाएगा, तो असुरक्षित हो जाएगा. यूनाइटेड फोरम के बैनर तले 10 राष्ट्रीयकृत बैंक विरोध जता रहे हैं.' उन्होंने बताया कि एक दिन में 1500 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है. सरकार ने उनकी मांग को नहीं माना ऊपर के आदेश पर अनिश्चितकालीन आंदोलन को बाध्य होंगे. एक माह से निरंतर कार्यक्रम चल रहा है.
निजीकरण के विरोध में हड़ताल
पंजाब नेशनल बैंक अधिकारी एसोशिएसन के सचिव और गोरखपुर जिला ऑफीसर एसोसिएशन के अध्यक्ष पाण्डेय सुजीत कुमार ने कहा कि वित्तमंत्री ने घोषणा की थी कि दो राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण किया जाएगा. उसी के विरोध में उन लोगों की दो दिवसीय हड़ताल है. जो चरणबद्ध कार्यक्रम के तहत की जा रही है. सर्वोच्च नेतागणों के निर्देश पर सरकार की नीतियों की वजह से वार्ता विफल हुई. सरकार नहीं मानेगी, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.
यूनियन बैंक के कर्मचारी नेता संतोष कुमार ने कहा कि दो दिवसीय हड़ताल निजीकरण के विरोध में की गई है. सरकार ने उनकी मांग को नहीं माना, तो दो दिवसीय धरना को आगे बढ़ाकर निश्चितकालीन धरना भी दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार की हठधर्मिता की वजह से वे लोग धरना देने को मजबूर हुए हैं. इसका असर उनके ही नहीं उनके परिवार के ऊपर भी पड़ेगा. इसके साथ ही आने वाली पीढ़ी सरकारी बैंकों में नौकरी की तलाश के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, उन्हें भी झटका लगेगा.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले आयोजित हड़ताल में राष्ट्रीयकृत बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल से गोरखपुर मंडल में सभी 10 राष्ट्रीय बैंकों में हर दिन 1500 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है. ऐसे में बैंककर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए, तो ग्राहकों के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है.
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