कानपुर, एबीपी गंगा। तीन तलाक देने वालों को अभी भी न तो कानून का डर है और न ही जेल जाने का डर है। जहां कानपुर में एक ही दिन दो शौहरों ने फोन पर अपनी बीवियों को तीन तलाक दे दिया। मामले में
एडीजी कानपुर ने एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
केंद्र की मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की बेरहमी से बचाने के लिए कानून भले लागू करवा दिया है, लेकिन मुस्लिम समाज के कुछ शौहरों को लगता है अभी तक इस कानून का भय नहीं हुआ है। जहां कानपुर में एक नहीं बल्कि दो-दो महिलाओं को तीन तलाक देने के मामले सामने आए हैं। जिन्हें उनके शौहरों ने फोन पर ही तीन तलाक दे दिया। इसे लेकर पीड़ित महिलाओं ने एडीजी कानपुर को अपनी शिकायत सुनाई, तो उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
कानपुर एडीजी पहुंचीं तीन तलाक पीड़ित दोनों महिलाओं का नाम रेहाना खातून और ताहिरा बानो हैं। जिनको उम्मीद थी कि मोदी सरकार के तीन तलाक वाले कनून के बाद उनकी जिंदगी से तीन तलाक वाला काला अध्याय खत्म हो गया है, लेकिन इनके शौहरो को लगता है कानून का कोई भय नहीं है। बुधवार को इन दोनों को उनके शौहरों ने फोन पर ही तीन तलाक दे दिया।
रेहाना खातून का निकाह 2014 में हुआ था, जबकि ताहिरा का निकाह मोहम्मद राशिद से अभी एक साल पहले 2 दिसम्बर 2018 को हुआ था। दोनों महिलाओं का आरोप है कि उनके पति दहेज के लिए मारपीट करते थे, जिसकी हमने पुलिस से पहले ही शिकायत कर रखी थी, लेकिन बुधवार को उनके पतियों ने यह कहकर हमें फोन पर तीन तलाक दे दिया कि हमें किसी केस का डर नहीं है। मैं तुमको तीन तलाक देता हूं, इसमें ताहिरा ने तो महिला थाने की इंचार्ज के कहने पर पति राशिद को केवल डेट की सूचना देने को फोन किया था। उल्टा उसने उधर से तीन तलाक दे दिया ।
तीन तलाक से जहर से वैवाहिक जिंदगी की डोर कटाने वाली ये दोनों महिलाएं आज सामाजिक नेता के साथ जोन के एडीजी से शिकायत करने पहुंच गईं। एक साथ दो -दो महिलाओ को फोन पर तीन तलाक मिलने की सूचना सुनकर एडीजी भी आवक रह गए। उन्होंने तुरंत ही दोनों की एफआईआर लिखकर पुलिस को कार्रवाई का आदेश दिया।
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