Kushinagar News: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर (Kushinagar) जिले में दो बच्चे डिप्थीरिया (Diphtheria) के चपेट में आ गए हैं. जबकि कई मरीजों की रिपोर्ट संदिग्ध है. डिप्थीरिया के मरीजों में इजाफा होने से स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मच गया. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेश पटारिया ने जिला अस्पताल से लेकर सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों के साथ डाक्टरों को सक्रिय होने का सख्त निर्देश दिया है.


5 से 16 साल के बच्चों का होगा टीकाकरण 
कुशीनगर में डिप्थीरिया का लक्षण मिलने से स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है. बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण अभियान चलाएगा. अभियान के अन्तर्गत 5 से 16 साल के बच्चों का टीकाकरण किया जायेगा. जिसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से तैयारी पूरी कर ली गई है. स्वास्थ्य महकमा बीएसए, डीआईओएस और जिला समाज कल्याण अधिकारी की मदद लेगा. जिले में अभी तक 13 संदिग्ध मरीज मिले हैं और दो मरीजों में डिप्थीरिया की पुष्टि हुई है. 


1 से 10 नवंबर तक चलेगा अभियान 
डॉक्टरों के अनुसार पांच, दस और 16 साल के बालकों को डिप्थीरिया का टीका लगता है. अभिभावक अक्सर भूल जाते हैं और यह टीका नहीं लग पाता है. इस टीके से वंचित जिले में पांच साल के उम्र के 19364, 10 साल के उम्र के 26788 और 16 साल के उम्र के 16827 बालक शामिल हैं.


1 से 10 नवंबर तक चलने वाले इस अभियान में जिले के सभी परिषदीय स्कूल, निजी स्कूल और मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को टीका लगाने टीम के सदस्य जाएगे. जिला प्रतिक्षण अधिकारी डॉ संजय गुप्ता ने बताया कि दस दिनों तक चलने वाले अभियान में चिह्नित बच्चों के अलावा छूटे हुए को भी टीका लगाया जाएगा. जिले में दो पॉजिटिव केस मिले हैं.


डिप्थीरिया के लक्षण
संकेतों और लक्षणों में शामिल हो सकते हैं- गले और टॉन्सिल को ढकने वाली एक मोटी व भूरे रंग की झिल्ली, गले में खराश और घरघराहट, गर्दन में सूजी हुई ग्रंथियां (बढ़े हुए लिम्फ नोड्स), सांस लेने में कठिनाई या तेजी से सांस लेना. यह समस्या अधिक बढ़ने पर हृदय प्रभावित होता है, जिससे मरीज की जान भी जा सकती है.


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