(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
गोंडा में मिले ब्लैक फंगस के दो मरीज, एक की मौत, जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात
यूपी में ब्लैक फंगस का संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है. गोंडा जिले में दो मामले सामने आए हैं. जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर की टीम लगाई गई है.
गोंडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए लगातार जिलों का तूफानी दौरा कर रहे हैं. कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने के लिए जहां तैयारियां हो रही हैं तो वहीं, ब्लैक फंगस के मुद्दों पर भी स्वास्थ्य अधिकारियों को उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए जा रहे हैं.
ब्लैक फंगस के दो मरीज
जिले में कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के बाद लगातार ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं और अब सफेद फंगस के बाद अब पीले फंगस की भी खबरें सामने आने लगी हैं. यूपी के गोंडा जिले में जहां एक तरफ कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के संक्रमण पर लगभग नियंत्रण हो चुका है तो, वहीं ब्लैक फंगस के दो मामले सामने आए हैं. एक ब्लैक फंगस केस के मामले में इलाज के दौरान मौत भी हो चुकी है और दूसरे ब्लैक फंगस के रोगी का लखनऊ में इलाज चल रहा है. गोंडा का स्वास्थ्य विभाग ब्लैक फंगस के रोगी के इलाज के लिए ईएनटी विशेषज्ञ व आई सर्जन को नामित कर दिया है. जैसे ही इसके मामले जिला अस्पताल में आएंगे तो दोनों सर्जन मरीज का परीक्षण करने के बाद समुचित इलाज करेंगे.
एक की मौत, दूसरे का इलाज जारी
गोंडा में विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार की बीते 16 मई को लखनऊ के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वह ब्लैक फंगस के संक्रमण के चलते बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था. ब्लैक फंगस संक्रमण से पहले पोस्ट कोविड-19 से संक्रमित हुये थे. उनका लखनऊ के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था तो वहीं अगर दूसरे केस की बात करें तो ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज का भी लखनऊ में इलाज चल रहा है.
जिला अस्पताल में की गई तैयारी
वहीं, एबीपी गंगा से बातचीत करते हुए गोंडा जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर एस शास्त्री ने बताया कि ब्लैक फंगस के दो केस मिलने की खबर है, जो कि हमारे जिला अस्पताल में नहीं आए हैं. इनका लखनऊ में इलाज चलने की जानकारी सामने आई है. वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने यह भी बताया कि अगर ब्लैक फंगस के मरीज गोंडा डिस्टिक हॉस्पिटल में आते हैं तो उनको किस तरीके से ट्रीटमेंट किया जाएगा. इसके बारे में बताया कि अपने जिले में एक ईएनटी के विशेषज्ञ एक तथा आंख के विशेषज्ञ को नामित किया गया है जो इन केसों को देखेंगे परीक्षण करने के बाद समुचित इलाज करेंगे.
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