ये है कानपुर पुलिस का नया कारनामा, अवैध कब्जा कर बना दी पुलिस चौकियां, सुलभ शौचालय को भी नहीं छोड़ा
कानपुर पुलिस एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार कानपुर पुलिस पर अवैध कब्जा कर पुलिस चौकी स्थापित करने का आरोप लगा है. अधिकारियों ने चौकियों को जल्द ही स्थानांतरित करवाने की बात कही है.
कानपुर: उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ एक तरफ अवैध कब्जादारों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं तो वहीं कानपुर नगर पुलिस इसपर बट्टा लगाती दिख रही है. कानपुर नगर पुलिस के विधनू थाना क्षेत्र में ही एक नहीं बल्कि दो-दो पुलिस चौकियां अवैध रूप से कब्जा करके बनाई गई हैं. न्यू आजाद नगर चौकी वहां बनी है जहां पर गरीब बाबूराम अपना आशियाना बनाना चाहते हैं तो वहीं सेन पश्चिम पारा चौकी के लिए सुलभ शौचालय पर ही पुलिसकर्मियों ने कब्जा कर डाला.
पुलिस ने किया अवैध कब्जा अक्सर विवादों में रहने वाली कानपुर पुलिस एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार कानपुर पुलिस पर अवैध कब्जा कर पुलिस चौकी स्थापित करने का आरोप लगा है. कानपुर नगर के विधनू थाना क्षेत्र की न्यू आजाद नगर पुलिस चौकी उस जगह पर बनी है जहां मुंशीपुरवा के रहने वाले बाबूराम और मैकी देवी को कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटित आवास है.
पुलिस से कैसे चौकी को खाली करवाएं मैकी देवी का कहना है कि एक-एक पाई जोड़कर न्यू आजाद नगर में 60 वर्गमीटर का आवास लिया. लेकिन, जब यहां पुलिस चौकी बन गई तो आशियाने की उम्मीदें तार-तार हो गईं. पुलिस से कैसे चौकी को खाली कराया जा सकता था, ऐसे में इसे नियति मानकर चुपचाप बैठ गए. वर्तमान चौकी प्रभारी शिव प्रकाश सिंह चौकी के अवैध होने की बात कबूल कर रहे हैं. उनका कहना है कि जल्द ही चौकी को खाली कर दिया जाएगा.
सुलभ शौचालय पर किया कब्जा सेन पश्चिम पारा पुलिस चौकी पर तो पुलिसकर्मियों ने हद ही पार कर दी. पहले सुलभ शौचालय के बगल में अस्थायी चौकी बनाई और फिर जब सुलभ शौचालय जर्जर हालत में हुआ तो चौकी को विस्तार देते हुए सुलभ शौचालय पर कब्जा जमा लिया. एबीपी गंगा की टीम ने इस मामले को कानपुर के पुलिस कप्तान के सामने उठाया तो उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए दोनों ही चौकियों को जल्द ही स्थानांतरित करवाने की बात कही.
सरकार की मंशा पर बट्टा लगा रही है पुलिस योगी सरकार ने भू-माफियाओं और अवैध कब्जेदारों पर अंकुश लगाने के लिए बाकायदा अभियान छेड़ रखा है. लेकिन, कानपुर पुलिस सरकार की मंशा को बट्टा लगाती नजर आ रही है. डीआईजी ने मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की बात तो कही है लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि दोनों अवैध चौकियां कब तक हटाई जाती हैं और बाबूराम को उसका आशियाना कब तक मिल पाता है.
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