Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में त्यागी समाज नई रणनीति पर काम कर रहा है. त्यागी समाज आगामी चुनाव में अपनी राजनीतिक भागीदारी के लिए नया दल बनाने वाला है. त्यागी (भूमिहार) समाज ने लोकसभा चुनाव अपने झंडे पर लड़ने का फैसला लिया है. त्यागी समाज का यह कदम पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों के लिए एक चुनौती बन सकता है.  



कब होगी पंचायत


पिछले दिनों 6 अगस्त की मेरठ की बैठक में आगे की रणनीति बनी है. श्रीकांत त्यागी के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान में आने वाले दिनों में 13 अगस्त को मुजफ्फरनगर में महासभा होगी तो वहीं 21 को मुजफ्फरनगर के ही शुक्रताल में महापंचायत होगी. वहां पर नए राजनीतिक दल का ऐलान हो सकता है.


कौन-कौन जुड़ा इस समाज से 


भूमिहार समाज में आने वाले त्यागी, भूमिहार, मोहियाल, चितपावन, गालव,अय्यर जैसी भूमिहार ब्राह्मण जातियां 14 उपनाम से हैं. भूमिहार समाज में आने वाले इन लोगों की 3668 शाखाएं (संस्थाएं) हैं. आपको बता दें की राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीकांत त्यागी की अगुवाई में ये कार्यक्रम चल रहा है. श्रीकांत त्यागी ने कहा कि त्यागी भूमिहार समाज भारतीय जनता पार्टी के साथ हिंदुत्व के नाम पर नहीं बल्कि राष्ट्रवाद के नाम पर जुड़ा है. उन्होंने कहा की वह बीजेपी के साथ है लेकिन बीजेपी हमें उचित प्रतिनिधित्व नहीं देती है और सिर्फ वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करती है.


खतौली में हमने दिखाया दम


उन्होंने कहा की त्यागी समाज के वर्चस्व को राजनीतिक दल हल्के न लें क्योंकि इस बार के खतौली के उपचुनाव में हमने अपना समर्थन खींच कर बीजेपी को हराने का काम किया है. 8 महीने पहले जिस खतौली सीट को बीजेपी ने 16800 वोट से जीता था, हमारे त्यागी समाज के बहिष्कार पर 22300 वोट से उसे बीजेपी हारी. त्यागी समाज के विरोध करने पर बीजेपी को 39000 वोटों का नुकसान सहना पड़ा.


भूमिहार समाज की पार्टी बननी क्यों जरूरी


अगर यादव समाज की अपने राजनीतिक पार्टी हो सकती है, राजभर समाज की अपनी राजनीतिक पार्टियों हो सकती है, पटेल समाज की अपनी राजनीतिक पार्टी हो सकती है तो भूमिहार समाज की अपनी पार्टी क्यों नहीं हो सकती. इसीलिए हमने तय किया है की हम अपनी राजनीतिक पार्टी बना करके अपने समाज के लोगों का प्रतिनिधित्व करेंगे.


स्वतंत्र देव के बयान से त्यागी समाज में रोष


श्रीकांत ने एबीपी से बातचीत में कहा कि अगर 21 अगस्त की बैठक के पहले स्वतंत्र देव ने अपने बयान पर माफी नहीं मांगी तो बीजेपी के लिए ठीक नहीं होगा. स्वतंत्र देव अगर अपने बयान पर माफी नहीं मांगते हैं तो हम अपने समाज के गांव के बाहर बीजेपी बॉयकॉट के पोस्टर लगाएंगे और बीजेपी वालों को अपने गांव में घुसने नहीं देंगे. 


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