Uttarakhand UCC: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. राज्य सरकार ने वर्ष 2022 में एक विशेष समिति का गठन किया था, जिसका उद्देश्य यूसीसी का मसौदा तैयार करना था. इस समिति द्वारा तैयार किया गया मसौदा 7 फरवरी 2024 को राज्य विधान सभा द्वारा पारित किया गया और 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त करने के बाद यह "उत्तराखंड समान नागरिक संहिता अधिनियम 2024" के रूप में पारित हो गया.


अब राज्य सरकार इस अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए नियमन और क्रियान्वयन की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु एक नई समिति का गठन किया गया है. इस समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह कर रहे हैं. समिति ने अपनी नियमावली का हिंदी और अंग्रेजी संस्करण 18 अक्टूबर 2024 को राज्य सरकार को सौंप दिया है.


नियमावली चार प्रमुख भागों में विभाजित है:
1. विवाह और विच्छेद
2. लिव-इन रिलेशनशिप
3. जन्म और मृत्यु पंजीकरण
4. उत्तराधिकार से संबंधित पंजीकरण की प्रक्रियाएं


इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल ऐप भी विकसित किया है. इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से नागरिक अपने पंजीकरण और अन्य आवश्यक कार्यों को घर बैठे ही ऑनलाइन कर सकेंगे. इस पहल का उद्देश्य प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाना है, ताकि आम नागरिकों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े.


'UCC का उद्देश्य एक समान कानून लागू करना'
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू करना है. यह कानून किसी विशेष वर्ग के खिलाफ नहीं है, बल्कि समाज के सभी वर्गों को समान अधिकार देने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए लाया जा रहा है. धामी ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का यह प्रयास संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक कानून लागू करने के लक्ष्य की दिशा में है.


इस पहल के साथ, उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन सकता है जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी. यह कदम न केवल राज्य के नागरिकों को एक समान न्याय प्रणाली उपलब्ध कराएगा, बल्कि यह देशभर में समान नागरिक कानून की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी होगा. राज्य सरकार की योजना के अनुसार, इस अधिनियम को नवंबर 2024 तक राज्य में प्रभावी रूप से लागू किया जा सकता है, जिससे उत्तराखंड को एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुधार के लिए पहचाना जाएगा.


सीएम धामी ने कहा है कि यह कानून किसी वर्ग विशेष के लिए नहीं है, इस कानून को हम सब को एक समान न्याय देने की नियत से ल रहे है. हमारा प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां यूसीसी लागू होने जा रहा है. आज कमेटी ने नियम कानून की रिपोर्ट हमे सौंपी है .अब इस रिपोर्ट को जल्द कैबिनेट में लाया जाएगा जिसके बाद इसको कानून की मान्यता मिल जाएगी. उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य स्थापना दिवस यानि 9 नवंबर को इसको राज्य में लागू किया जा सकता है.


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